अभियान में लखनऊ रेलवे डिवीजन ने 3 साल में खर्च किए 69 लाख रुपए, हाथ आए 186 चूहे
लखनऊ। बतातें चले कि चूहा पकड़ने का ठेका सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉपोर्रेशन को दिया गया था। कंपनी ने चूहों को पकड़ने का अभियान चलाया। सूत्रों के मुताबिक तीन साल के करीब 1095 दिन में अधिकारियों ने 168 चूहे पकड़े। मतलब ठेका कंपनी ने एक चूहा पकड़ने में करीब साढ़े छह दिन का समय लिया। आप क ो बता दें रेलवे स्टेशनों और प्लेटफार्मों पर अक्सर मोटे-मोटे चूहे दिखाई देते हैं। आप को बताते चले कि इन चूहों से रेलवे इतना परेशान है कि इन्हें पकड़ने के लिए 3 साल में 69 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं।

ये बात जानकर आप हैरान जरूर होंगे। मजे की बात यह है कि उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने 69 लाख की बड़ी रकम खर्च करके महज 168 चूहों को ही पकड़ा है। मुताबिक यह रकम पिछले तीन सालों में खर्च की गई।
यानी हर साल लखनऊ मंडल ने चूहों को पकड़ने पर 23.2 लाख रुपए खर्च किए। यानी एक चूहे को पकड़ने में 41 हजार रुपए खर्च किए हैं। जिसको लेकर तमाम चचार्एं हो रही हैं।

वहीं इस मामले में रेलवे अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। स्थिति यह है कि इसका खुलासा होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। सोशल मीडिया से लेकर हर जगह इस भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। रेल चूहा अभियान साल 2020 में शुरू किया गया । सूत्रों के मुताबिक पहले साल तो अधिकारियों ने अपने औसत से अच्छा अभियान चलाया और बहुत मेहनत के बाद 83 चूहे पकड़े भी।