अरुणाचल। अमित शाह ने सभी बाधाओं को पार करते हुए अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया, जो किसी भी केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा पहली बार किया गया है। रक्षा करने और अप्रिय ताकतों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों के मनोबल को बढ़ाने वाली यह यात्रा शाह की नेतृत्व गुणवत्ता खासकर सामने से नेतृत्व करने के दर्शन को प्रदर्शित करता है। हालांकि यात्रा का समय इससे बेहतर नहीं हो सकता था, लेकिन शाह ने संवेदनशील वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर राज्य के पहाड़ी इलाके किबिथू में जवानों के बीच एक रात भी बिताई, जो आईटीबीपी के जवानों के उत्साहवर्द्धन के लिए काफी महत्त्वपूर्ण था।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री सीमा से सटे भारत के पहले गाँव किबिथू खाली हाथ नहीं गए। इस तथ्य से पूरी तरह अवगत कि क्षेत्र सभी पहलुओं में विकास से वंचित है, उन्होंने उन्हें 4,800 करोड़ रुपये के लागत से वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) का उपहार दिया। सरकार पिछले वित्त वर्ष से चार साल के लिए विशेष रूप से सड़क संपर्क हेतु 2,500 करोड़ रुपये सहित 4,800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ चला रही है। इस कार्यक्रम के तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 प्रखंडों में व्यापक विकास के लिए 2,967 गाँवों की पहचान की गई है। पहले चरण में 662 गाँवों की पहचान की गई है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के 455 गाँव शामिल हैं।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के साथ सरकार एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है। बुनियादी ढाँचे के विकास से एक तो क्षेत्र के युवा काम के लिए अन्य स्थानों पर पलायन करने से बचेंगे और दूसरा भारत के जवानों को चीनी आक्रमण का आसानी से जवाब देने में मदद मिलेगी। दोनों रणनीतिक हैं और केंद्र से पूर्ण समर्थन की आवश्यकता है। आईटीबीपी जवानों के साथ बातचीत में शाह ने उन्हें नवीनतम अस्त्र-शस्त्र व गोला-बारूद से लैस करने और उन्हें चौथी पीढ़ी की कनेक्टिविटी प्रदान करने का आश्वासन दिया, जिससे उन्हें अपने परिवारों से जुड़ना आसान हो जाएगा।
sudha jaiswal