पूरे देश में उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली का नाम रोशन करना हमारा लक्ष्य
जरूरी संसाधनों की उपलब्धता के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है:योगेंद्र
लखनऊ । कैबिनेट मंत्री उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश योगेंद्र उपाध्याय ने सोमवार को सचिवालय के तिलक हाल में विभागीय समीक्षा बैठक की। बैठक में राज्यमंत्री उच्च शिक्षा विभाग रजनी तिवारी, प्रमुख सचिव सुधीर एम० बोवड़े, उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ मुकुल चतुवेर्दी व अनुराग शर्मा उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी व अखिलेश मिश्रा उपस्थित रहे। बैठक में प्रथमत: पूर्व समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के सापेक्ष किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। तत्पश्चात शिक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत करने, पठन-पाठन के कार्य में उत्तरोत्तर प्रगति प्राप्त करने, छात्र-छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के माध्यम से सशक्त बनाने एवं शिक्षा प्रणाली को और अधिक समृद्ध करने के उद्देश्य से विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
उच्च शिक्षा मंत्री जी ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की बैठकों का उद्देश्य बैठकों में लिए गए निर्णयों के प्रति अंतिम स्तर तक के सभी सहयोगियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करते हुए कार्यों को पूर्णता प्रदान करना है। संवादों , विचारों के आदान-प्रदान से कार्यों को किए जाने की दिशा का निर्धारण होता है और अच्छे परिणाम प्राप्त करने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि नकल विहीन परीक्षा में टेक्नोलॉजी के प्रयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। शैक्षणिक कार्यों में गुणोत्तर वृद्धि के लिए जरूरी संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है जिससे हम पूरे देश में उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली का नाम रोशन कर सकें और उच्च शिक्षा विभाग को नंबर एक के स्थान पर खड़ा कर सकें। इसके लिए सभी को सतत प्रयत्नशील रहना होगा। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं से अधिकतम जनकल्याण के सपनों को साकार करने के लिए आमजन को योजनाओं के प्रति जागरूक करने हेतु हमें सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए।
परीक्षा केंद्रों के निर्धारण पर चर्चा करते हुए राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि जिन महाविद्यालयों में छात्राओं की संख्या अधिक हो वहां परीक्षा केंद्र बनाए जाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
sudha jaiswal