लखनऊ। हे ग्राम देवता नमस्कार, सोने चांदी से नहीं किंतु तुमने मिट्टी से किया प्यारह्ल । कुछ दशक पहले प्रख्यात कवि रामकुमार वर्मा की कालजयी कविता में हमारे देश के किसानों का चित्रण किया गया था। भारत के हर कोने में अपना सबकुछ वारने वाले किसान आपको मिल जाएंगे। आज हम आपको ऐसे किसान से मिलाते हैं जिन्होंने प्रकृति और समाज के लिए अपनी पूरी खेती को समर्पित कर दिया है। ये किसान हैं बाराबंकी केबनरकी गांव के मनोज कुमार शुक्ला।
व्यवसायी से बने किसान मनोज शुक्ला की पैतृक जमीन बाराबंकी के कई गांवों में हैं। करीब 50 साल के मनोज को शुरूआत में खेती से ज्यादा रुचि बिजनेस में थी। मनोज ने सर्वे कंपनी में कर्मचारी से काम शुरू किया और बाद में अपनी मेहनत से उन कंपनियों के स्टेट हेड तक बन गये। कुछ दिन बार व्यवसायी मनोज के दिमाग में अपनी कंपनी का ख्याल आया और अपनी क्षमता के बल उन्होंने कर्मशियल सर्वे की प्रदेश के बड़ी कंपनी स्थापित कर ली। साल 2014 के करीब मनोज ने अपनी कंपनी बेटों के हवाले कर खुद को खेती में समर्पित कर दिया।
प्रकृति की सेवा की, सरकार से सम्मान मिला
मनोज बताते हैं कि खेती में अपना समय और संसाधन लगाने के बाद एक बार उन्होंने पीएम मोदी को प्रकृति और प्रगति की बात करते सुना। उन्होंने कहा कि वैसे तो उन्हें राजनीति में कोई विशेष रुचि नहीं पर पीएम की प्रकृति को लेकर जनभागीदारी की बात उन्हें भा गयी। 2015-16 तक आते आते मनोज ने अपने पूरी खेती के 90 प्रतिशत क्षेत्र में पेड पौधे लगा दिए। सिर्फ 10 प्रतिशत खेती अपने इस्तेमाल में रखी है।
मनोज के मुताबिक ह्लईश्वर का दिया सबकुछ है तो प्रकृति की सेवा का अवसर मिलने पर मैंने दोनों हाथों से उसे पकड़ लिया। मेरे छोटे से प्रयास से मेरे जिले प्रदेश और देश की वनभूमि बढेगी और साथ ही मेरे गांव के लोगों को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।ह्वमनोज के इस प्रयास को केंद्र और राज्य सरकार ने पहचान दी है। मनोज को पर्यावरण संरक्षण और कृषि वानिकी के क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सम्मानित किया है। मनोज अपने काम के लिए अपने पिता के संस्कार और अपने गांववालों की मेहनत को श्रेय देते हैं।
आसान नहीं थी राह
मनोज बताते हैं कि पिछले 7-8 साल की राह आसान नहीं थी। शुरूआत में तो उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पहले दूसरे गांव के लोग उनके काम पर हंसते थे। कुछ लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा करने की भी कोशिश की, कुछ लोग इस कोशिश में लगे भी हैं। लेकिन आज दूर दूर से मंत्री, अधिकारी इस किसान की मेहनत को देखने आने लगे हैं। मनोज कहते हैं कि सब धरती माता का आशीर्वाद है और वो अपनी कोशिश जारी रखेंगे।
sudha jaiswal