लखनऊ। राजधानी के मोहान रोड स्थित ड्रीम चिल्ड्रेन एकेडमी में मेरी प्यारी गौरैया मुहिम द्वारा नन्ही गौरैया संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती का माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया।
विधालय प्रबंधन व शिक्षक,शिक्षिकाओं सहित छात्र छात्राओं को नन्ही गौरैया के पानी के लिए मिट्टी का पात्र,काकून के पैकेट व आधा दर्जन कृत्रिम घोंसले व अमरुद, आंवला, कचनार,नीबू के पौधो का वितरण किया गया। विधालय की प्रबधक ज्योति श्रीवास्तव,शिशिर श्रीवास्तव, प्रिंसिपल प्रिया श्रीवास्तव द्वारा मेरी प्यारी गौरैया मुहिम संचालक पंक्षी प्रेमी महेश साहू व अवध वन प्रभाग सचल दल प्रभारी डिप्टी रेंजर सतीश वर्मा,वन दरोगा शिवम यादव,वन रक्षक दीपक कनौजिया,समाज सेवी हिमांशु गुप्ता,राजेश गुप्ता बब्लू को पुष्पगुच्छ,अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत व सम्मान किया गया।सचल दल प्रभारी सतीश वर्मा ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा वर्तमान समय में लोग अपने खेती के फसलों पर हानिकारक दवाइयों की उपयोग करते हैं,उन कीड़ों को खाने से नन्ही गौरैया की मृत्यु होने लगी हैं।इन पक्षियों की प्रजाती विलुप्त होने के कारण प्रकृति की सुंदरता गायब हो रही हैं। नन्ही गौरैया व पार्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को आगे आना होगा। और अपनी जीवन शैली में पर्यावरण संरक्षण के हितार्थ कार्यों को शामिल करना होगा। वहीं पक्षी प्रेमी महेश साहू ने कहा वर्तमान में पर्यावरण असंतुलित हो रहा है। हम सबको स्वास्थ पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने का कार्य करना होगा। साथ ही गौरैया संरक्षण पर कहा कि नन्ही गौरैया घर के आंगन एवं खेत खलिहानों में अक्सर चहचहाहट करती नजर आया करती थी।घर के आगंन में बिखेरे अनाज के दानों को अपनी चोंच में दबाकर अपने घोसले की तरफ उड़ान भरने के नजारे अधिक पुराने नही है। लेकिन इंसान के अपने स्वार्थ की वजहों से आज नन्ही गौरैया की प्रजाति खतरे में पड़ चुकी है,हमारे शहरीकरण एवं प्रकृति के साथ स्वार्थ के खेल ने इसे अपने घर से बेघर कर दिया है।अभी भी समय है जब हम सब नन्ही गौरैया व पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आएं। विधालय की प्रबधक ज्योति श्रीवास्तव,शिशिर श्रीवास्तव,प्रिंसिपल प्रिया श्रीवास्तव सहित कई छात्र छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण व गौरैया संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए। वहीं उपस्थित सभी लोगों ने पर्यावरण संरक्षण व नन्ही गौरैया संरक्षण की शपथ ली।साथ ही नन्ही गौरैया के लिए कृत्रिम घोंसले लगा कर उसके आशियाने के लिए सुरक्षित स्थान देने के साथ ही इस तपती गर्मी में कोई पक्षी भूख व प्यास से काल के गाल में ना समाएं इसके लिए अपनी छतों व घर के आस पास मिट्टी के पात्र में पानी,दाना काकून रखने और दो पौधो का रोपण कर उनकी रक्षा का संकल्प लिया।
sudha jaiswal