चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद के उस हिस्से पर उतरा, जहां आज तक कोई भी नहीं पहुंचा था
लखनऊ। शुक्रवार को सुषमा खर्कवाल द्वारा लखनऊ के सभी पार्षदगणों के साथ एमजीआर निगम मुख्यालय स्थित राज कुमार हॉल में चंद्रयान- 3 की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुभकामनाएं भेंट कर गौरवशाली उपलब्धि की खुशी जाहिर की। निश्चित रूप से हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के विजन और ISRO वैज्ञानिकों की दिन रात की मेहनत से भारत ने पूरी सफलता के साथ इस उपलब्धि को हासिल किया है।उन्होंने देश की इस उपलब्धि को अंतरिक्ष इतिहास में एक अतुल्य क्षण करार दिया।

पार्षदों के साथ बैठक कर चंद्रयान 3 की सफलता व भविष्य में इससे होने वाले लाभों पर चर्चा की और प्रधानमंत्री व इसरो वैज्ञानिकों को अनंत शुभकामानाएं भेंट की।महापौर ने कहा कि बुधवार 23 अगस्त को शाम 06 बजकर 04 मिनट पर चांद की धरती पर उतरकर भारत ने इतिहास रच दिया और भारत मून मिशन चंद्रयान-3 को सफल बनाया। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद के उस हिस्से पर उतरा, जहां आज तक कोई भी नहीं पहुंचा था। इस ऐतिहासिक पल का सीधा प्रसारण होने से पूरा देश चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर कदम रखने की ऐतिहासिक घटना का गवाह बना।

महापौर ने कहा कि चंद्रमा के ढेरों रहस्य हैं जो मानव मन को दशकों से आश्चर्य चकित करते रहे हैं। उन्हीं में से एक है चंद्रमा का साउथ पोल। यहां की भौगोलीय स्थिति ऐसी है कि आज तक कभी सूर्य की किरण पहुँची ही नहीं। अब यह अपने आप में उपलब्धि है कि जहां आज तक सूर्य की किरण न पहुँची हो वहाँ विश्व में पहली बार भारत देश का पहला यान पहुंचा।

महापौर ने कहा कि लैंडिंग के करीब ढाई घंटे के बाद लैंडर से प्रज्ञान रोवर भी बाहर आ गया था। चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान 6-पहिए वाला एक रोबोट वाहन है। इसी के जरिए चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के अब तक के अछूते भाग के बारे में जानकारी मिलेगी। चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की ऐतिहासिक उपलब्धि पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को भी महापौर सहित समस्त पार्षदों ने एकत्रित होकर बधाई एवं शुभकामनाएं दी और भारत को इस उपलब्धि के हासिल करने के पश्चात दुनिया का चौथा देश बनने पर गौरवान्वित महसूस किया व खुशी जाहिर की।
महापौर ने कहा भारत के ओजस्वी एवं यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को विकसित देश बनाने की दिशा में यु़द्ध स्तर पर प्रयासरत हैं और आगामी कुछ वर्षों में भारत न केवल दुनिया के मानचित्र पर नम्बर एक का देश होगा, बल्कि विश्व में भारत की एक अलग पहचान होगी।उन्होंने बताया कि इसरो का अगला मिशन आदित्य एल-1 मिशन है जो श्रीहरिकोटा में तैयार हो रहा है, और चंद्रयान 3 की भांति ये मिशन भी एक ऐतिहासिक सफलता साबित होगा।
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