पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का निर्विरोध चुना जाना तय
15 सितंबर को डाले जाएंगे वोट
पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने राज्यसभा के लिए नामांकन किया। इस दौरान सीएम योगी भी मौजूद रहे हैं
लखनऊ। मंगलवार 5 सितंबर शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी और दोनों डिप्टी सीएम मौजूद रहे हैं। उन्होंने कहा, आज शिक्षक दिवस है।
यूनिवर्सिटी में एक शिक्षक के तौर पर मैंने बच्चों को शिक्षा दी। भाजपा ने एक शिक्षक को शिक्षक दिवस पर राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर गिफ्ट दिया है। उन्होंने कहा पीएम मोदी ने विश्वास जताकर राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है।

अब मैं उत्तर प्रदेश की जनता की आवाज संसद में उठाने का काम करूंगा। राज्यसभा की खाली सीट पर नामांकन का 5 सितंबर आखिरी दिन है। कल जमा कराए जाने वाले नामांकन फॉर्म की जांच होगी। इसके बाद 8 सितंबर तक नाम वापस लेने की समय सीमा निर्धारित की गई है।
बता दें की नामांकन के आखिरी दिन सपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। ऐसे में माना जा रहा है कि दिनेश शर्मा निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने जाएंगे। 26 जून को बीजेपी सांसद हरद्वार दुबे के निधन के बाद राज्यसभा की एक सीट खाली हुई थी। 15 सितंबर को इस सीट पर वोट डाले जाएंगे।

उसी दिन वोटों की गिनती भी होगी। वहीं, दिनेश शर्मा के राज्यसभा जाने से यूपी में विधान परिषद की एक सीट पर भी जल्द उपचुनाव होगा। हरद्वार दुबे का निधन नवंबर-2026 तक था।
सूत्रों के मुताबिक आप को बता दें कि दिनेश शर्मा का लिस्ट में रेस नहीं था। जाने-माने कवि कुमार विश्वास, प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर और पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव के नाम पर लगातार चर्चा चल रही थी। लेकिन भाजपा ने दिनेश के नाम का ऐलान कर सभी को चौंका दिया।
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आप को बताते चले कि डॉ. दिनेश शर्मा का जन्म 12 जनवरी, 1964 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उनका ताल्लुक लखनऊ के एक कर्मकांडी ब्राह्मण परिवार से है। इनके पिता केदार नाथ शर्मा (पाधाजी) और जनसंघ के कार्यकर्ता थे। डॉ. दिनेश शर्मा ने लखनऊ विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और फिर बाद में यहीं प्रोफेसर भी रहे। प्रोफेसर कार्यकाल के दौरान उन्होंने 20 से अधिक छात्रों को पीएचडी कराई और 6 किताबें लिखीं।
सफल राजनीतिक करियर रहा है दिनेश शर्मा का1987 में लखनऊ विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष के तौर पर चुना गया। 1991 में प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। 1993 से 1998 तक भारतीय युवा जनता मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष रहे। बीजेपी सरकार बनने पर इन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला। साथ ही उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया। भारत सरकार में राष्ट्रीय युवा मोर्चा आयोग के सदस्य भी बने।
उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति व भारत सरकार की युवा नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पर्यटन निगम के उपाध्यक्ष रहते हुए भाजपा संगठन में उप्र भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश प्रभारी बनाया गया। 2006 में लखनऊ के मेयर चुने गए। 2012 में दूसरी बार लखनऊ के मेयर चुने गए।

भारी मतों से विजयी होने पर लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज हुआ। 16 अगस्त, 2014 को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और गुजरात प्रदेश का प्रभारी बनाया गया। देश के सबसे बड़े राजनीतिक सदस्यता अभियान का राष्ट्रीय प्रभारी बनाया गया, जिसमें राष्ट्रीय नेताओं के मार्गदर्शन में भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनी। 2017 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा की सरकार बनी, तब प्रदेश का उपमुख्यमंत्री चुना गया। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी की भी जिम्मेदारी संभाली। साथ में एक अन्य महत्वपूर्ण दायित्व विधान परिषद में नेता सदन की जिम्मेदारी मिली।
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