लखनऊ। राजधानी के हजरतगंज स्थित यूपी प्रेस क्लब में शनिवार को युवा और अनुभवी शायरों की महफिल सजी। मौका था 13वें काफिया रदिफ मुशायरे और सम्मान समारोह का। इस समारोह का आयोजन यूपी प्रेस क्लब और साहित्यगंधा संस्था ने मिलकर कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ संजय शौक और शहबाज तालिब ने की। कार्यक्रम का संचालन काफिया रदिफ के कन्वीनर हर्षित मिश्रा ने किया। इस दौरान लखनऊ के मशहूर शायर, चरण सिंह बशर और एजाज जैदी को काफिया रदिफ सम्मान से नवाजा गया। समारोह में एक से बढ़कर एक शायरों ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ संजय शौक की शायरी सभी को पसंद आई। उन्होंने अपनी शायरी में कहा- आंखों से जो ख्वाबों की सवारी गुजरी। फिर हिज्र मिला बाद-ए-बहारी गुजरी।
कल रात बहुत हूक (तकलीफ) उठी सीने में। बीमार पर ये रात भी भारी गुजरी। दुर्गेश शुक्ला की शायरी, फलक पर कुछ तो हलचल हो रही, ये बारिश जो मुसलसल हो रही भी सभी को खूब पसंद आई। साथ ही दर्द फैज की प्रेम पर आधारित शायरी भुला सके नहीं हम एक भी लम्हा तुम्हे। मगर भुलाने की कोशिश हर बार करते हैं ने सभी के दिल में जगह बनाई। इसे सुनकर सभी लोग तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं पाए। समारोह में सर्वेश अस्थाना, पप्पू लखनवी, डॉ संदीप शर्मा, श्रुति भट्टाचार्य, नदीम अहमद, जहूर फैजी, स्वराज शुक्ला समेत कई शायरों ने अपनी शायरी से महफिल में चार चांद लगाए। किसी ने प्रेम पर शायरी बोली, तो किसी ने होली के त्योहार पर। इस दौरान सभी शायरों ने इरशाद और वाह वाह बोलकर एक दूसरे का मनोबल बढ़ाया। अनुभवी और युवा शायरों के बीच हंसी ठिठोली ने भी समारोह की शोभा बढ़ाई। साथ ही सम्मानित होने वाले चरण सिंह बशर ने युवा शायरों की तारीफ की और शायरी से जुड़े कुछ गुर सिखाए।
sdha jaiswal