पंजाबी अकादमी में हुई पंजाबी साहित्य विच शिव कुमार बटालवी दां योगदान संगोष्ठी
लखनऊ । रविवार। उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी की ओर से विख्यात कवि और साहित्यकार शिव कुमार बटालवी के जन्मदिवस के अवसर पर रविवार 23 जुलाई को अशोक मार्ग स्थित अकादमी कार्यालय परिसर में पंजाबी साहित्य विच शिव कुमार बटालवी दां योगदान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
23 जुलाई, 1936 में जन्में शिव कुमार बटालवी के जन्मदिवस पर कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ताओं ने कहा कि शिव कुमार बटालवी मानवीय संवेदनाओं के श्रेष्ठ शब्दकार थे। संगोष्ठी से पहले ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये गए।
अकादमी के नोडल अधिकारी अरविन्द नारायण मिश्र के संचालन में हुई संगोष्ठी में वरिष्ठ पंजाबी लेखक डॉ सत्येन्द्र पाल सिंह ने कहा कि शिव कुमार बटालवी मानवीय संवदेनाओं के श्रेष्ठ शब्दकार थेअ जिन्हें प्रतिबिंबों उपमाओं के नव प्रयोग से पंजाबी साहित्य को समृद्ध किया और पद्य नाटक विधा के द्वार खोले। इस क्रम में वरिष्ठ पंजाबी लेखक देवेन्दर पाल सिंह ने कहा कि शिव कुमार बटालवी एक महान साहित्यकार नाटककार थे जो साल 1965 में मात्र 30 वर्ष की सबसे कम आयु में अपनी चर्चित काव्य नाटिका लूना के लिए भारत का सर्वाधिक प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त कर भारतीय इतिहास में अपना नाम किया।

वरिष्ठ पंजाबी लेखक नरेन्द्र सिंह मोंगा ने कहा कि शिव कुमार बटालवी के व्यक्तिगत परिचय उनके साहित्यिक सफर तथा रचनाओं का संक्षिप्त वर्णन करते हुये कहा कि आधुनिक युग के एक प्रख्यात कवि साहित्यकार व नाटककार थे जो बहुत ही कम समय में लोगों के दिलों में बस गये।
वरिष्ठ रंगकर्मी आतमजीत सिंह ने कहा कि शिव कुमार बटालवी के श्रंगार रस के विरह एवं दर्द भरे गीतों रचनाओं कविताओं को अपने ओज आवाज में सुना कर गोष्ठी में मौजूद श्रोतागणों को मंत्रमुग्ध किया। पंजाबी चिंतक दलवीर सिंह ने कहा कि शिव कुमार बटालवी के पंजाबी साहित्य में योगदान और उनकी रचनाओं को याद कर विस्तृत रूप से उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला।
पंजाबी शिक्षाविद् मनजीत कौर ने कहा कि प्रकृति के सुकुमार कवि पंजाबी भाषा के मॉर्डन शायर लेखक और नाटककार शिवकुमार बटालवी ने गुरु नानक देव के सच्चा सौदा पर कविताएं लिखी। उनकी मुख्य रचनाएँ सच्चा बणजारा और सच्चा साध हैं।
इक कुड़ी जिहदा नाम मोहब्बत और इक मेरी अख काशनी इस प्रकार के गीतों के रचयिता शिव कुमार बटालवी आज भी लोगों के हृदय में विराजमान है।

पंजाबी लेखिका रनदीप कौर ने कहा कि शिव कुमार बटालवी पंजाबी शायरी का वह उच्च मुकाम है जिन्होंने बहुत ही कम समय के जीवन और साहित्य में वह सब कुछ कर दिखाया जो किसी के नसीब में नहीं होता। सबसे कम उम्र में भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजे गयेअ उनकी कविता मोहन सिंह और अमृता प्रीतम जैसे आधुनिक पंजाबी कविता के दिग्गजों के बराबर खड़ी है।
युव पंजाबी चिन्तक सरबजीत सिंह ने कहा कि शिव कुमार बटालवी मुख्य रूप से रोमांटिक कविताओं के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं, जिनमें भावनाओं का उभार करुणा जुदाई और प्रेमी के दर्द का बखूबी चित्रण है। संगोष्ठी के अंत में कार्यक्रम संयोजक अरविंद नारायण मिश्र ने संगोष्ठी में उपस्थित विद्वानों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।