सदन सत्र में सार्थक चर्चा करनी चाहिए, सरकार हर स्तर पर जवाब देने को तैयार है: योगी
सपा और आरएलडी के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए।
गले में टमाटर-लहसुन की माला, महंगाई पर प्रदर्शन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में सोमवार को पहल दिन जोरदार हंगामा में बीता। महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सपा और रालोद के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। सूत्रोें के मुताबिक आप को बताते चले कि विपक्ष मणिपुर की घटना पर निंदा प्रस्ताव लाना चाहता था। स्पीकर सतीश महाना ने पहले 30 मिनट के लिए सत्र की कार्रवाई को रोका। मगर फिर भी हंगामा नहीं रुका। इसके बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए कार्रवाई स्थगित कर दी।

सदन में चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और सीएम योगी पर तंज किया। मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए अखिलेश ने कहा, जानते हैं आपकी मजबूरी। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीएम योगी को बोलना चाहिए। इस पर विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने उन्हें नियमावली देखने को कहा। अखिलेश ने कहा कि दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं बची, जहां पर मणिपुर की घटना की निंदा न हुई हो। उन्होंने आगे कहा, क्या हम अपेक्षा नहीं कर सकते कि नेता सदन इस पर कुछ बोलें। इस पर स्पीकर ने कहा कि वो जहां बोलना होगा बोलेंगे।
सत्र शुरू होने से पहले सपा और रालोद के विधायक गले में टमाटर-लहसुन की माला पहनकर साइकिल पर विधानसभा पहुंचे। सरकार के खिलाफ स्लोगन लिखी तख्तियां उनके हाथ में थीं। विधानसभा की सीढ़ियों पर बैठकर सपा विधायक डीजल-पेट्रोल महंगा होने, ओबीसी-एससी-एसटी आरक्षण, महिला अपराध के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

विधान सभा सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना समेत सत्ता और विपक्ष से जुड़े विधायक सुबह 11 बजे पहुंचे। स्पीकर सतीश महाना के पटल पर आते ही सदन के अंदर हंगामा शुरू हो गया। सदन की कार्रवाई शुरू होने से 16 मिनट तक मणिपुर और हरियाणा की हिंसा पर चर्चा कराए जाने की मांग विपक्षी दलों में रखी। 17 मिनट पर विधानसभा अध्यक्ष ने दूसरे राज्यों का मामला होने पर चर्चा नहीं किए जाने का नियम बताते हुए निधन शोक प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया।
सदन की चर्चा के दौरान लगातार विपक्ष के विधायक नारेबाजी करते रहे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सत्र के बाद कहा कि मणिपुर हिंसा पर सत्ता पक्ष चर्चा नहीं करना चाहता है। हम निंदा प्रस्ताव लाना चाहते थे। हमारी प्राथमिकता समस्या उठाना है। सत्र के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले कि विपक्ष पूरी तरह से डिरेल है। उसकी कोई नीति नहीं है। एजेंडा नहीं है। हमेशा अराजकता की बातें करना। गुंडई करने वालों को पल्लवित करना। हमेशा से इनकी नीति रही है। हमारी सरकार चाहती थी कि पानी कम बरसा है। कुछ जिलों में बाढ़ आई है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। महंगाई और मणिपुर पर चर्चा के सवाल पर डिप्टी सीएम बोले कि नोटिस दें, हम चर्चा के लिए तैयार हैं।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि विपक्ष को रोग है। उन्हें भाजपा फोबिया हो गया है। जब सही होता है तो उनको गलत लगता है। सीएम योगी ने सत्र से पहले कहा कि सदन में सार्थक चर्चा करनी चाहिए। सरकार हर स्तर पर जवाब देने को तैयार है। उत्तर प्रदेश ने पिछले 6 सालों के दौरान विकास की एक नई ऊंचाई को छुआ है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना किया गया। बीमारू राज्य की श्रेणी से हम बाहर आ चुके हैं। 25 करोड़ की जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है।

इस बार विधानमंडल के मानसून सत्र में योगी सरकार वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट पेश होना था। जोकि इस साल के वित्तीय वर्ष के लिए पहला अनुपूरक बजट होगा। अनुपूरक बजट के माध्यम से यूपी सरकार अपनी कई परियोजनाओं को साकार करेगी। वहीं, बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर सरकार अनुपूरक बजट से संसाधनों का इंतजाम भी हो सकेगा। योगी सरकार विधानमंडल के मानसून सत्र में 13 अध्यादेश भी विधेयक के रूप में सदन में रख सकती है।
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