सफर में राहत
750 मीटर लंबे अंडरपास से आने और जाने के लिए दो लेन होंगे
साढ़े सात मीटर चौड़ा और साढ़े पांच मीटर ऊंचा अंडरपास होगा
18 माह में बनकर तैयार होगा अंडरपास, 60 करोड़ ज्यादा खर्च होंगे
शहर के कई हिस्सें आपस में जुड़ेंगे, एक लाख आबादी को राहत मिलेगी
लखनऊ। सदर में बनने वाले रेलवे के अंडरपास सर्वे का काम पूरा हो गया। जिसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट आ गई है। पर, अभी इस रिपोर्ट को मंजूरी नहीं दी गई है। रिपोर्ट में 750 मीटर लंबे अंडरपास से आने और जाने के लिए दो लेन होंगे। अंडरपास की चौड़ाई साढ़े सात मीटर और ऊंचाई साढ़े मीटर होगी। खास बात यह है कि इस पूरे काम को रेलवे खुद करेगी। यह अंडर 18 माह में बनकर तैयार होगा। इससे करीब एक लाख से ज्यादा की आबादी को आवागमन से राहत मिलेगी।
यहीं नहीं अंडरपास बनने से पुराना किला और सदर बाजार की दूरी काफी कम हो जाएगी। शहर में दिलकुशा ओवरब्रिज, केसरीखेड़ा ओवरब्रिज, पारा ओवरब्रिज, भरवारा अंडरपास, पिपराघाट अंडरपास और ग्वारी अंडरपास के लिए भी बजट जारी कर दिया गया है। वहीं सदर अंडरपास के लिए 60 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है। अभी डीपीआर बनने के लिए बजट का सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। इसके बन जाने से रेलवे ट्रैक की वजह से दो भागों में बंटा सदर बाजार अब एक हो जाएगा। साथ ही लोगों को आने जाने में हो रही असुविधाओं से भी राहत मिलेगी।
अंडरपास बनने से राहत मिलेगी और व्यापार भी बढ़ेगा
सदर रेलवे फाटक के नीचे अंडरपास बनने से पुराना किला और सदर बाजार के बीच की दूरी कम हो जाएगी। इसके बनने से दुकानदारों का व्यापार भी बढ़ने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा केकेवी कॉलेज से आजाद बस्ती की तरफ से जाने वाले जर्जर पुल की जगह एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा पुल के नीचे आजाद बस्ती से गुजरने वाले हैदर कैनाल नाले की सफाई भी होगी।
सदर में अंडरपास बनने के लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है। फिजिबिलिटी कैसे और बेहतर हो सके, इसको लेकर बैठक करेंगे। इसके बाद ही डीपीआर बनाकर काम को स्वीकृत कराया जाएगा।
एसके सपरा, डीआरएम
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल
sudha jaiswal