West Bengal: कृपाखाली इलाके के कुलतली थाना क्षेत्र में आज सुबह एक 10 वर्षीय बच्ची का शव मिलने से हड़कंप मच गया। परिवार ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्ची 4 अक्टूबर की शाम से लापता थी, लेकिन पुलिस ने शिकायत पर त्वरित कार्रवाई नहीं की।
इस घटना से नाराज लोगों ने महिस्मारी पुलिस चौकी पर हंगामा किया और आगजनी की। भीड़ ने पुलिस पर पथराव करते हुए कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। आक्रोशित भीड़ को देखकर पुलिसकर्मियों ने चौकी छोड़कर भागने का प्रयास किया। हालात को काबू में लाने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
घटनास्थल पर पहुंचे कुलतली के TMC विधायक गणेश मंडल ने ग्रामीणों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन नाराज लोगों ने उन्हें भी मौके से भगा दिया। मंडल ने बाद में मीडिया से कहा कि वह लोगों की नाराजगी समझते हैं, लेकिन कानून हाथ में लेना सही नहीं है।
West Bengal पुलिस पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों और परिवार ने आरोप लगाया कि बच्ची के लापता होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि पुलिस ने कोलकाता के ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले की तरह ही लापरवाही बरती। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक बच्ची के सभी आरोपियों को सजा नहीं मिलती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा और उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने कार्रवाई में देरी की।
पुलिस ने के संदिग्ध को गिरफ्तार किया
पुलिस ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि FIR दर्ज होने के तुरंत बाद कार्रवाई की गई। पुलिस के अनुसार, शुक्रवार रात 9 बजे FIR दर्ज की गई और इसके बाद त्वरित जांच शुरू हुई। जांच के बाद एक संदिग्ध को गिरफ्तार भी किया गया है।
भाजपा बोली – बच्ची की मौत अभया रेप-मर्डर जैसा
घटना पर राजनीति भी गरमा गई है। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्ची की मौत कोलकाता के अभया रेप-मर्डर केस जैसी है और पुलिस ने FIR दर्ज करने में देरी की। भाजपा ने आरोपियों को सख्त सजा देने और मामले की CBI जांच की मांग की है।
Highlights
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने मांग की कि बच्ची का पोस्टमॉर्टम केंद्र सरकार के तहत किसी अस्पताल में होना चाहिए और शव को सुरक्षित रखा जाए।