1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक और मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार (25 फरवरी 2025) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सज्जन कुमार पहले से ही दिल्ली कैंट इलाके में हुए दंगों से संबंधित एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में हुए इन दंगों में 2,733 लोग मारे गए थे। हिंसा से जुड़े कुल 587 एफआईआर दर्ज हुई थीं, लेकिन इनमें से 240 मामलों को पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के आधार पर बंद कर दिया, जबकि 250 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया।
मामले की शुरुआत से लेकर सजा तक की पूरी प्रक्रिया
- 1991: मामले में पहली बार प्राथमिकी दर्ज की गई।
- 8 जुलाई 1994: दिल्ली की अदालत ने कहा कि अभियोजन के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं और सज्जन कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया।
- 12 फरवरी 2015: केंद्र सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
- 21 नवंबर 2016: SIT ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले में आगे जांच की जरूरत है।
- 6 अप्रैल 2021: सज्जन कुमार को गिरफ्तार किया गया।
- 5 मई 2021: पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
- 26 जुलाई 2021: अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया।
- 1 अक्टूबर 2021: अदालत में आरोपों पर बहस शुरू हुई।
- 16 दिसंबर 2021: सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या, दंगा और अन्य अपराधों के आरोप तय किए गए।
- 31 जनवरी 2024: अदालत ने अंतिम दलीलें सुननी शुरू कीं।
- 8 नवंबर 2024: अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा।
- 12 फरवरी 2025: अदालत ने कुमार को दोषी ठहराया।
- 25 फरवरी 2025: कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई।
1984 सिख दंगे: अब तक क्या हुआ?
सिख विरोधी दंगों में सैकड़ों मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन सिर्फ 28 मामलों में ही दोषियों को सजा मिल सकी। इनमें लगभग 400 लोगों को दोषी ठहराया गया, जिनमें सज्जन कुमार सहित 50 लोगों को हत्या के आरोप में दोषी पाया गया।
पहले से ही उम्रकैद की सजा काट रहे हैं सज्जन कुमार
सज्जन कुमार पहले से ही दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा 2018 में सुनाई गई उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। उन्हें दिल्ली की पालम कॉलोनी में 1 और 2 नवंबर 1984 को पांच लोगों की हत्या का दोषी पाया गया था। इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की हुई है, जो अभी लंबित है।
इसके अलावा, दिल्ली हाई कोर्ट में सज्जन कुमार के खिलाफ एक अन्य अपील भी लंबित है, जिसमें उन्हें निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने को चुनौती दी गई है। वहीं, दिल्ली की एक अन्य अदालत चौथे मामले में उनकी भूमिका की सुनवाई कर रही है।