ऊर्जा मंत्री ने कहा जरूरत पड़ी, तो हजारों को करेंगे बर्खास्त
लखनऊ। यूपी में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के दूसरे दिन सीएम ने आपात बैठक बुलाई। इसमें ऊर्जा मंत्री, बिजली विभाग के अफसर और पुलिस अधिकारियों शामिल हुए।इसके बाद ऊर्जा मंत्री डॉ. एके शर्मा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

कहा, बिजली आपूर्ति सामान्य है। 1332 संविदा कर्मियों को पिछले 24 घंटों में बर्खास्त किया गया। जरूरत पड़ी, तो हजारों को बर्खास्त किया जाएगा। मंत्री ने कहा, यूपी में बिजली आपूर्ति सामान्य है। हाईकोर्ट ने नोटिस दिया कि ये जनता को परेशान करने वाली हड़ताल है। अगेंस्ट नेशनल इंटरेस्ट है। अवमानना की नोटिस भेजा गया है। हमारी प्रबंधन की तरफ से सभी सदस्यों को हाईकोर्ट के आर्डर की प्रति भेजी गई है। आवश्यक सेवा को बाधित करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि 22 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्हें जेल भेजा जाएगा। हड़ताल को खत्म करने के लिए कहा गया। घाटे के बावजूद बोनस देना संभव नहीं है। ऐसी मांग करना सही नहीं है। कानून को हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई होगी। बिजली के मुद्दे पर जनता ने सहयोग किया है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सोशल मीडिया पर हड़ताल की अपील की जा रही है। ऐसे संदेश प्रचारित किए जा रहे हैं। ये राष्ट्रीय संपत्ति है। किसी की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, यूपी 28000 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। मौसम के चलते मांग आधी है। तमाम बिजली संगठन हड़ताल से अलग हैं। इससे बिजली आपूर्ति व्यवस्थित है। जिन संगठन के कर्मचारी बाधा पैदा कर रहे हैं, उन्हें नौकरी से हटाया जा रहा है। चाहे कोई जन्म स्थान में हो, जंगल में हो, नदी में हो, आकाश में हो या पाताल में। हम खोज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हाईकोर्ट ने गंभीरता से हड़ताल पर रोक लगाने की बात कही है। लेकिन अभी भी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के लोग मान नहीं रहे हैं। दुर्भाग्य का विषय है। उच्च न्यायालय ने अवमानना का नोटिस दे दिया है।
sudha jaiswal