Varanasi: साइबर अपराधियों के एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए वाराणसी पुलिस ने नोएडा से तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी फर्जी नौकरियों और लोन दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ठगते थे। पुलिस ने उनके पास से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री, मोबाइल, लैपटॉप और फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं।
कैसे करते थे ठगी?
यह गिरोह WorkIndia.com और Naukri.com जैसे जॉब पोर्टल्स से जॉब सीकर्स का डेटा हासिल करता था। इसके बाद इन जॉब सीकर्स को फर्जी कंपनी Finance 24 Hours का नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र प्रदान कर सेल्स एग्जीक्यूटिव के रूप में काम पर लगाते थे। इनसे फिर लोन के लिए जरूरतमंदों की फाइलें इकट्ठी करवाई जातीं और उन्हें रजिस्ट्रेशन फीस, आरटीजीएस चार्ज, एनओसी चार्ज जैसे बहानों से लाखों रुपये वसूले जाते थे। ठगी के बाद, ये आरोपी लोगों से संपर्क तोड़ लेते थे।
Varanasi: पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
24 अक्टूबर 2024 को इस मामले की शिकायत बृजेश यादव ने दी थी, जिन्होंने बताया कि उनके साथ इस गिरोह ने साइबर ठगी की थी। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के निर्देश पर एक टीम गठित की गई, जिसके बाद तीन अपराधियों—दीपक बहोरा (28 वर्ष), जितेंद्र कुमार पटेल (32 वर्ष), और मनोज कुमार गुप्ता (35 वर्ष)—को नोएडा से गिरफ्तार किया गया।
बरामदगी का विवरण
गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से निम्नलिखित सामान बरामद हुआ:
- 13 मोबाइल (7 कीपैड और 6 स्मार्टफोन)
- 3 लैपटॉप
- 5 एटीएम कार्ड
- फर्जी स्टैंप, पहचान पत्र और कागजात
- 10,000 जॉब सीकर्स का डेटा
- 2,450 रुपये नकद
अपराधियों का नेटवर्क
यह गिरोह विभिन्न फर्जी कंपनियों जैसे RK Associate, Himalaya 24 Hours, और RGI Finance Pvt Ltd के नाम से ठगी करता था। ये आरोपी पुलिस की पकड़ से बचने के लिए फर्जी मोबाइल नंबर और बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे।
Highlights
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
गिरफ्तार किए गए अपराधियों में दीपक बहोरा, जो नेपाल का निवासी है, जितेंद्र कुमार पटेल (जौनपुर) और मनोज कुमार गुप्ता (गोरखपुर) शामिल हैं। इन तीनों का आपराधिक इतिहास रहा है और पुलिस मामले की और भी गहन जांच कर रही है। इस मामले में आईटी एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।