Varanasi: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हाल ही में हुए एक सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। वक्फ बोर्ड द्वारा अपनी संपत्तियों के संबंध में मांगी गई जानकारी के अनुसार, वाराणसी में 1637 संपत्तियां वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज हैं, जिनमें से 1537 सुन्नी और 100 शिया बोर्ड के दफा 37 रजिस्टर में दर्ज हैं।
हालांकि, गहन जांच में यह बात सामने आई है कि इनमें से 406 संपत्तियां उत्तर प्रदेश सरकार की हैं। इनमें सर्किट हाउस, कलेक्ट्रेट और कैंट जैसी महत्वपूर्ण सरकारी भूमि पर बनाई गई मस्जिदें और इमामबाड़े शामिल हैं। यह मामला तब सामने आया जब इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने वक्फ की संपत्तियों का सर्वे करवाया था।
सर्वे के प्रमुख निष्कर्ष:
- सरकारी भूमि पर धार्मिक स्थल: सर्वे में पाया गया कि वक्फ बोर्ड ने राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, रेलवे और सड़क विभाग जैसी सरकारी विभागों की भूमि पर मस्जिदें, मजारें और कब्रिस्तान बना रखे हैं।
- अवैध निर्माण: कई स्थानों पर वक्फ बोर्ड द्वारा नोटिस के बावजूद अवैध निर्माण किया गया है।
- गलत जानकारी: वक्फ बोर्ड के रजिस्टर में कई स्थानों पर गलत जानकारी दर्ज की गई है, जैसे कि भूमि के उपयोग को लेकर।
- छावनी क्षेत्र में कब्जा: छावनी क्षेत्र में भी वक्फ बोर्ड ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है।
Varanasi: क्यों हुआ सर्वे:
यह सर्वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर किया गया था, जिसमें राज्य सरकार को वक्फ की संपत्तियों का सर्वे करवाने का निर्देश दिया गया था। सर्वे का उद्देश्य यह पता लगाना था कि वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियां वास्तव में उसकी हैं या नहीं।
सरकार की कार्रवाई:
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध कब्जा की गई सरकारी भूमि को मुक्त कराने के लिए कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। सरकार ने इस संबंध में वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया है और जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
स्थानीय लोग इस मामले को लेकर काफी चिंतित हैं। उनका कहना है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करना एक गंभीर अपराध है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।