वाराणसी (Varanasi) की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के मामले का खुलासा किया है, जिसमें अंतरराज्यीय गैंग शामिल था। इस गैंग के चार सदस्यों को पुलिस ने बिहार के पटना से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से 9 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, फर्जी बैंक खातों के रिकॉर्ड, 20 डेबिट कार्ड, 2 सिम कार्ड और नकद 22,460 रुपये बरामद किए हैं। इस मामले का खुलासा अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) टी. सरवणन ने किया।
इस ठगी का शिकार भेलूपुर निवासी तेजश्वी शुक्ला बने, जिन्हें KIA Motors की फर्जी एजेंसी दिलाने के नाम पर साइबर अपराधियों ने 72 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया। पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में चार साइबर अपराधियों की पहचान की गई और उन्हें पटना, बिहार से गिरफ्तार किया गया।
तेजश्वी शुक्ला ने अपनी शिकायत में बताया कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने KIA Motors की फर्जी वेबसाइट और ईमेल का इस्तेमाल कर उन्हें एजेंसी देने का झांसा दिया। फर्जी दस्तावेज, जैसे इनलिस्टमेंट लेटर और इंटेंट लेटर भेजकर उन्हें फंसाया गया और विभिन्न बैंक खातों में रजिस्ट्रेशन, सिक्योरिटी मनी और GST के नाम पर पैसे जमा कराए गए।
Highlights
Varanasi: इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से हुआ खुलासा
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, एक विशेष जांच टीम का गठन किया। टीम का नेतृत्व पुलिस उपायुक्त (अपराध) प्रमोद कुमार ने किया, जबकि अपर पुलिस उपायुक्त सरवणन टी. और सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार की निगरानी में उपनिरीक्षक संजीव कन्नौजिया की टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, डिजिटल फुटप्रिंट और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस की मदद से अपराधियों को पकड़ने में सफलता हासिल की।
अपराध करने का तरीका:
गिरोह ने योजनाबद्ध तरीके से KIA Motors के नाम पर फर्जी वेबसाइट और ईमेल तैयार किए। वे फर्जी प्रतिनिधि बनकर पीड़ितों से संपर्क करते थे और एजेंसी दिलाने के नाम पर कूट रचित दस्तावेज भेजते थे। इसके बाद विभिन्न बैंक खातों में शुल्क जमा करवाते थे। ठगी की गई राशि को उन्होंने अपने खातों में ट्रांसफर कर ATM के माध्यम से नकद निकासी की। वे पुलिस से बचने के लिए फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी:
1. प्रियरंजन कुमार (नालंदा, बिहार)
2. सत्येन्द्र सुमन उर्फ नेताजी (नालंदा, बिहार)
3. रंजन कुमार (नालंदा, बिहार)
4. रमेश सिंह भूटोला (दिल्ली)
गिरफ्तार अपराधियों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी और अन्य सामग्री बरामद की गई है। इनमें से प्रियरंजन कुमार और रंजन कुमार पर पहले से भी साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं।