Varanasi: शिव की नगरी काशी में शनिवार को एक ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो अपने आप में अकल्पनीय व अविस्मरणीय है। सनातन धर्म की एकजुटता के उद्देश्य से आयोजित किए गए इस कार्यक्रम का नाम है ‘मां सती के 51 शक्तिपीठ एवं द्वादश ज्योतिर्लिंगो का महासमागम’। इस कार्यक्रम में देश के 51 शक्तिपीठ के प्रतिनिधि के साथ साथ अन्य देशों के भी सनातनी लोग व सनातन प्रतिनिधि शामिल हुए। यह कार्यक्रम सेंटर फॉर सनातन रिसर्च एवं ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट की ओर से वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया।

इस महासमागम कार्यक्रम में बतौर मुख्य अथिति डिप्टी सीएम बृजेश पाठक शामिल हुए। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु, संत प्रखर जी महाराज, शारदा सर्वज्ञ पीठाधीश्वर कश्मीर शंकराचार्य स्वामी अमृतानंद जी महाराज, नेपाल शक्तिपीठ के प्रतिनिधि डॉ राजेंद्र शर्मा, विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार, सेंटर फॉर सनातन रिसर्च एवं ट्रिडेंट सेवा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ रमन त्रिपाठी, स्वामी जितेंद्र आनंद जी महाराज, प्रशांत, डॉक्टर कामेश्वर उपाध्याय और समिति के लोगों के साथ मिलकर दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का आगाज किया।

इसके साथ ही माता सती की प्रतिमा और शिवलिंग का अनावरण भी किया। इसके बाद सबसे पहले 51 महिलाओं ने शंखनाद करके कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके साथ ही पुष्पवर्षा व शंखनाद से करके महिलाओं ने मंच पर ही सभी अथितिगणों का स्वागत किया। इसके बाद सभी अथिति मंचासीन हुए।
बताते चलें कि इस कार्यक्रम में देश के अलावा विदेश में मौजूद 51 शक्तिपीठों के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रबंधक और पुजारी हिस्सा लेंने पहुंचे हैं। इनमें पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि देश शामिल हुए। यह आयोजन 1 दिसंबर तक होगा। इसमें कुल 400 संत-महंत के जुटने का अनुमान है।

Varanasi: ब्रजेश पाठक बोले – कार्यक्रम सनातन को ऊंचाइयों तक ले जाएगा
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अथिति शामिल हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि पुरेदेश और प्रदेश में यह कार्यक्रम उर्जा देने वाला है। इस प्रकार का कार्यक्रम सनातन धर्म के ध्वजा को और भी ऊंचाई तक लेकर जायेगा। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमें इस सनातन धर्म के महासमागम में शामिल होने का मौका मिला है।
वहीं विशालाक्षी देवी के महंत राजनाथ तिवारी ने इस कार्यक्रम को लेकर बताया कि यह समागम काशी के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है। काशी में शिव भी है और शक्ति भी लेकिन कभी भी दोनों के बीच आपस में सामंजस्य नहीं हो पाया तो इस कार्यक्रम के माध्यम से हम सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते हुए सनातन धर्म का उत्थान करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस वक़्त हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है सनातन को एक सूत्र में पिरोने की तो सनातन की मजबूती के लिए और सनातन बोर्ड के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे।

कई शक्तिपीठ के प्रतिनिधि हुए शामिल
वहीं आयोजक डॉ. रमन त्रिपाठी ने बताया कि मां सती के 51 शक्तिपीठों और द्वादश ज्योतिर्लिंगों के इस महान समागम में भारत समेत श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर समेत कई स्थानों से 400 साधु-संत, पीठाधीश्वर और इन पवित्र स्थान से जुड़े महंत और प्रबंधन समिति के लोग पहुंच रहे हैं।

बता दें कि अभी तक इन सभी शक्तिपीठों में आपसी सामंजस्य नहीं है, न ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों के बीच आपसी सामंजस्य है। आयोजन में आने वाले शक्तिपीठों के प्रमुख और संतों की मौजूदगी में शक्तिपीठ और द्वादश ज्योतिर्लिंगों के प्रबंधन में मौजूद चुनौतियों पर चर्चा होगी।

