Hathras Stampede: हाथरस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने भगदड़ मामले में एक्शन लेते हुए आयोजक टीम से 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं इस आयोजन का मुख्य जिम्मेदार फरार है, पुलिस ने उस पर एक लाख रुपए का ईनाम निर्धारित किया है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए ईनाम की घोषणा की है।
अलीगढ़ के आईजी शलभ माथुर ने कहा कि जोनस्तर पर सभी जिलों में एसओजी की टीमों को आरोपियों के चिह्नीकरण व गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। साथ ही मौके से मिले सबूतों को मुकदमे की विवेचना में शामिल किया जा रहा है।
गिरफ्तार लोगों ने बताया है कि बाबा के चरण रज लेने से काफी कष्ट दूर हो जाते हैं। गिरफ्तार लोगों ने बताया कि सेवादार के रूप में कार्य करते हैं, समिति के अध्यक्ष व सदस्य हैं। विवेचना में अगर बाबा का नाम आता है तो उस बिंदु पर कारवाई होगी। जरूरत पड़ने पर बाबा से पूछताछ की जाएगी।
आईजी ने बताया कि मृतकों की संख्या 121 है। सभी शवों की शिनाख्त हो गई है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो गई है। आईजी शलभ माथुर ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा-105, 110, 126(2), 223 और 238 के अंतर्गत मामला दर्ज़ किया गया है।
मुख्य आरोपी मधुकर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। जल्द ही उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। आईजी ने कहा कि हम इस बात की भी जांच करेंगे कि क्या यह घटना किसी साजिश के चलते हुई है या फिर यह एक महज हादसा है।
गिरफ्तार आरोपियों में राम लडैते निवासी मैनपुरी, उपेन्द्र सिंह यादव पुत्र रामेश्वर सिंह निवासी बाईपास एटा रोड थाना शिकोहाबाद, मेघसिंह पुत्र- हुकुम सिंह निवासी दमदपुरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस, मंजू यादव पत्नी सुशील कुमार निवासी कचौरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस, मुकेश कुमार पुत्र मोहर सिंह प्रेमी निवासी न्यू कॉलोनी दमदपुरा थाना सिकंदराराऊ हाथरस, मंजू देवी पत्नी किशन कुमार यादव निवासी कचौरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस के रहने वाले हैं।
Hathras Stampede: आयोजकों ने पहले रोक ली थी भीड़
आईजी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आयोजकों ने भीड़ को पहले रोक लिया था। फिर एक साथ भीड़ को छोड़ने पर यह हादसा हुआ। इस दौरान भगदड़ मच गई। श्रद्धालुओं में महिलाएं और बच्चे सभी एक दूसरे के ऊपर गिरते गये। चरणरज के लिए भीड़ बाबा की गाड़ी की ओर बढ़ती गई। फ़िलहाल पुलिस ‘भोले बाबा’ का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। उसके नाम पर कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई थी।
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