वाराणसी। लावारिस कार में 92.94 लाख रुपए मिलने के मामले का वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस ने मंगलवार को खुलासा किया है। भेलूपुर थाना अंतर्गत शंकुलधारा इलाके में पुलिस ने बीते मंगलवार को लावारिस कार से लाखों रुपए बरामद किए थे। मामले को संज्ञान में लेते हुए अपर पुलिस आयुक्त ने भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे को लाइनहाजिर व चौकी प्रभारी खोजवां का कोतवाली ट्रांसफर कर दिया था।
अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए लाइन हाजिर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे समेत 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, एसआई सुशील कुमार, एसआई महेश कुमार, एसआई उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कांस्टेबल कपिल देव पांडेय, कांस्टेबल शिवचंद्र को लापरवाही बरतने के आरोप में अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष कुमार सिंह ने सस्पेंड किया है।
पुलिस की ओर से सोमवार को गुजरात के रहने वाले विक्रम सिंह की शिकायत पर भेलुपुर थाने में सारनाथ के रहने वाले अजीत मिश्रा समेत 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज किया गया है। विक्रम सिंह का आरोप है कि अजीत मिश्रा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक करोड़ 40 लाख रुपए लूट लिया। पुलिस इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है।
लापरवाही के आरोप में पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड
अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए कहा कि 29 मई की रात भेलुपुर थानाअंतर्गत बैजनत्था क्षेत्र में दो पक्षों में आर्थिक लेन-देन को लेकर कुछ बवाल हुआ था। जिसमें बवाल और छिनैती की सूचना पर पुलिस वहां पहुंची थी। इसमें तत्कालीन इंस्पेक्टर भेलूपुर के साथ तीन सब इंस्पेक्टर व तीन कांस्टेबल उनके साथ मौके पर पहुंचे थे। इस घटना के दो दिन बाद कथित रूप से लगभग 93 लाख रुपए एक शंकुलधारा क्षेत्र से एक लावारिस कार से बरामद हुई। पैसे के मालिक को ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई मिला नहीं।

काफी प्रयास करने के बाद पता लगा कि पैसा गुजरात के एक व्यापारी का है, जिसे बुलाकर तहरीर ली गई। तहरीर के आधार पर सारनाथ के रहने वाले अजीत मिश्रा और उनके साथ 12 अन्य लोगों पर लूट का मुकदमा दर्ज किया गया। इसकी जानकारी डीसीपी काशी जोन रामसेवक गौतम को दी गई। प्राथमिक छानबीन में पाया गया कि इस मामले में पुलिस की भूमिका काफी संदिग्ध रही थी। उन्हें जो कार्य करना चाहिए था, वह कार्य उन्होंने नहीं किया। उनलोगों ने मामले को दबाने का काम किया। इस पूरे प्रकरण में लापरवाही बरतने पर इन 7 लोगों को निलंबित कर दिया गया। इस पूरे मामले की निष्पक्षता पूर्वक जांच की जा रही है। जो भी लोग अभियुक्त हैं, उनके खिलाफ कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
हालांकि इस पूरे प्रकरण में पुलिस के संलिप्त होने की बता सामने नहीं आई है। पुलिसकर्मियों ने अपनी कार्यवाही वैधानिक रूप से नहीं की, जिसके लिए उन्हें निलंबित किया गया है। इस प्रकरण की जांच चल रही है। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा जो शेष धनराशि वह भी नामजद मुकदमों वाले अभियुक्तों से वसूले जाएंगे। साथ ही इतनी बड़ी रकम कहां से आई, किसका पैसा है, इसका भी पता लगाया जाएगा। इसका भी पता लगाया जायेगा कि इस सम्पूर्ण घटनाक्रम में कौन-कौन से लोग थे, पुलिस की क्या भूमिका थी, इस बात का भी पता लगाया जाएगा।