8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। इसकी सिफारिशें 2026 से लागू होंगी। इस फैसले की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक के बाद की। उन्होंने बताया कि सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिसकी सिफारिशें 2025 तक जारी रहेंगी।
वेतन आयोग हर 10 साल में लागू होता है
7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था, जिससे करीब 1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिला। परंपरा के अनुसार, हर 10 साल में नया वेतन आयोग लागू किया जाता है। उम्मीद है कि 1 जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू कर दिया जाएगा। इससे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन और पेंशन में वृद्धि होगी।
8वें वेतन आयोग से क्या होगा बदलाव?
सवाल 1: सैलरी में कितना अंतर आएगा?
8वें वेतन आयोग के तहत 1.92 के फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका सीधा असर केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा।
- लेवल-1 कर्मचारी:
मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपए (1800 ग्रेड पे के साथ) को बढ़ाकर 34,560 रुपए किया जा सकता है। - लेवल-18 अधिकारी:
कैबिनेट सचिव स्तर के अधिकारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी 2.5 लाख रुपए है, जिसे बढ़ाकर 4.8 लाख रुपए किया जा सकता है।
सवाल 2: पेंशन (8th Pay Commission) में कितना फायदा होगा?
- लेवल-1 कर्मचारी की बेसिक सैलरी 34,560 रुपए होने पर उसकी पेंशन (50%) 17,280 रुपए + महंगाई राहत (DR) होगी।
- लेवल-18 अधिकारी की बेसिक सैलरी 4.8 लाख रुपए होने पर उसकी पेंशन 2.4 लाख रुपए + DR होगी।
हालांकि, प्रमोशन और अन्य बढ़ोतरी के चलते वास्तविक पेंशन इससे अधिक हो सकती है।
श्रीहरिकोटा में तीसरे लॉन्च पैड को मंजूरी
कैबिनेट ने श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट में तीसरे लॉन्च पैड के निर्माण को भी मंजूरी दी है। मौजूदा समय में इस फैसिलिटी में दो लॉन्च पैड हैं, जिनसे अब तक 60 से अधिक लॉन्च किए जा चुके हैं। तीसरे लॉन्च पैड से सैटेलाइट और स्पेसक्राफ्ट की लॉन्च क्षमता बढ़ेगी, जिससे भारत न केवल अपनी जरूरतें पूरी कर सकेगा बल्कि वैश्विक मांगों को भी पूरा करने में सक्षम होगा।
Highlights
न्यू जेनरेशन लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को बढ़ावा
यह नया लॉन्च पैड 3985 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। इससे भारत के न्यू जेनरेशन लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को गति मिलेगी, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश की साख और आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगा।