Fake Journalist: वाराणसी कमिश्नरेट के लंका थाने की पुलिस ने फर्जी पत्रकारों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। जिसमें पुलिस ने नो फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। यह सभी हाईवे पर स्टिंग ऑपरेशन का डर दिखाकर आने जाने वाले वाहनों व पुलिसकर्मियों से वसूली करते थे।
पुलिस ने उनके कब्जे से रिपोर्टिंग माइक, रिपोर्टिंग स्टैंड, 3 वॉकी-टॉकी, कैमरा, भारी मात्रा में सिम कार्ड, नकली आईडी कार्ड के साथ ही अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व एक इनोवा कार बरामद किया है। डीसीपी काशी जोन प्रमोद कुमार व डीसीपी क्राइम चंद्रकांत मीणा ने संयुक्त रूप से इसका खुलासा किया।
जानकारी के मुताबिक, तीन-चार दिनों से पिकेट व गश्त टीम में लगे पुलिस कर्मियों की शिकायत थी कि एक कार में सवार होकर कुछ कथित पत्रकार आते हैं और स्टिंग का डर दिखाकर पुलिसकर्मियों को डरा धमका कर पैसों की मांग करते हैं। इसके साथ ही हाईवे पर आने जाने वाली गाड़ियों को रोककर अवैध वसूली करते हैं। इसके बाद लंका थाने की पुलिस सक्रियता से उक्त वाहन को मौके से पकड़ा और 9 स्वघोषित पत्रकारों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार अभियुक्तों में मृदुल कुमार तिवारी भेलूपुर थाना क्षेत्र के BLW न्यू कॉलोनी, लालबाबू सोनकर, आकाश कुमार गौतम, गौरव कुमार भारती, प्रकाश शर्मा, सावन कुमार नायक, अनिल कश्यप, मंडुआडीह थाना क्षेत्र के लहरतारा और दिलीप कुमार व जितेंद्र सोनकर सिगरा थाना क्षेत्र के चंदवा छित्तुपुर के रहने वाले हैं।
Fake Journalist: संगठित होकर देते थे वारदात को अंजाम
डीसीपी काशी जोन ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि इन सभी का एक संगठित गिरोह है, जिसमें शामिल सभी सदस्यों को अलग-अलग काम बांटे गए हैं। यह सभी अपने आपको मीडियाकर्मी बताते हुए अलग-अलग पदों पर कार्यरत बताते हैं और हाईवे पर आने जाने वाले वाहनों को रोककर स्टिंग ऑपरेशन का डर दिखाकर देते हुए पैसे वसूलते हैं।
इतना ही नहीं, यह ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को वीडियो रिकॉर्ड करने एवं पत्रकार होने की बात बता कर डराते धमकाते हैं। मीडियाकर्मी होने की बात जानकर इन्हें कोई रोकता नहीं था और उनकी अच्छी खासी कमाई हो जाती थी।