राधेश्याम कमल
वाराणसी। वैशाखी अमावस्या 20 अप्रैल गुरुवार को मनायी जायेगी। जबकि श्राद्ध की अमावस्या 19 अप्रैल बुधवार को मनायी जायेगी। वैशाखी अमावस्या पितृदोष निवारण का खास दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव, विष्णु तथा पीपल वृक्ष की पूजा करने से सुख-समृद्धि व खुशहाली मिलती है। इस दिन 108 बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा करने से अभीष्ट की प्राप्ति होती है। प्रसिद्ध ज्योतिषी पं. विमल जैन के मुताबिक वैशाख कृषण पक्ष की अमावस्या तिथि बुधवार 19 अप्रैल को दिन में 11.24 मिनट पर लगेगी जो अगले दिन20 अप्रैल को दिन में 9.43 मिनट कर रहेगी। इस तिथि पर स्नान-दान व व्रत तथा श्राद्ध करने का विशेष महत्व है। पितृ दोष निवारण तथा श्राद्ध कृत्य बुधवार 19 अप्रैल को किया जायेगा।
अमावस्या तिथि पर पीपल वृक्ष की पूजा-अर्चना से सुख-समृद्धि, खुशहाली मिलती है। अमावस्या तिथि पर विधि विधान से पितरों की पूजा अर्चना की जाती है। इस तिथि पर पूजा-अर्चना अपने पारिवारिक रीति-रिवाज के मुताबिक करनी चाहिये। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में भौतिक सुख-समृद्धि व खुशहाली का आगमनहोता है। इस दिन पीपल के वृक्ष व भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के साथ पीपल वृक्ष की 108 परिक्रमा करने से आरोग्य व सौभाग्य की प्राप्ति होती है।