पूर्वांचल समेत समूचे उत्तर प्रदेश में जिसके नाम से ही लोगों में दहशत कायम हो जाती थी, वह नाम था – ‘मुख़्तार अंसारी’। Mukhtar अंसारी और उसके भाई अफजल अहमद पर कोर्ट का शिकंजा कस चुका है। दोनों को गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाया गया है। मुख़्तार को 10 वर्ष और उसके भाई व सांसद अफजाल अंसारी को 4 वर्ष की सजा सुनाई गई है। जिसके बाद अफजाल की संसद सदस्यता पर भी संकट मंडराने लगा है।
वाराणसी। गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में शनिवार को दोषी पाते हुए मुख़्तार अंसारी व उसके भाई को सजा सुनाई। इसके साथ ही अंसारी पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। माफिया से नेता बने मुख़्तार पर दिल्ली से लेकर गाजीपुर और वाराणसी तक कई संगीन धाराओं में 61 मुकदमे दर्ज हैं। इन मुकदमों में सबसे ज्यादा मुकदमे उसके गृह जिले गाजीपुर में दर्ज हैं। वहीं, 9 मुकदमे मऊ और 9 मुकदमे वाराणसी में दर्ज हैं। इसके अलावा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी 7 मामले दर्ज हैं।
तीन दशकों तक खौफ का राज
पूर्वांचल में तीन दशकों तक माफिया मुख़्तार के खौफ का राज था। जिसकी हनक पूर्वांचल के व्यापारियों और उद्योगपतियों तक थी। कब किसकी गर्दन मुख़्तार की तलवार के नीचे आ जाए, कोई नहीं जानता था। वाराणसी के भेलूपुर के कोयला व्यवसाई का अपहरण और उसके बाद उसकी हत्या ने व्यापारियों के मन में मुख़्तार के प्रति एक दहशत पैदा कर दिया था। यह खौफ तीन दशकों तक बना रहा। सरकारी ठेकों पर मुख़्तार और उसके गुर्गों का आधिपत्य बना रहा। वर्ष 1997 में भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर कॉलोनी के रहने वाले कोयला कारोबारी नंद किशोर रुंगटा को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद उनके परिजनों को फोन कर तीन करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। उस समय मुख़्तार के सबसे भरोसेमंद शूटर अताऊर रहमान ने नन्द किशोर रूंगटा को डीलर विजय बनकर अगवा किया। उसके बाद फिरौती की रकम मांगी। रकम न मिलने की स्थिति में नंद किशोर की हत्या कर शव को प्रयागराज में ठिकाने लगा दिया।
माफिया मुख़्तार अंसारी और गाजीपुर के मुहम्मदाबाद के महरूपुर निवासी अताऊर रहमान उर्फ़ बाबू के खिलाफ महावीर प्रसाद रूंगटा ने एक दिसम्बर 1997 को वाराणसी के भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अगवा किए गए नंद किशोर के भाई महावीर ने मुख़्तार पर आरोप लगाया था कि पांच नवंबर 1997 को शाम पांच बजे टेलीफोन पर उन्हें मुख्तार ने धमकी दी थी। पुलिस ने मामले की छानबीन भी की, लेकिन मामले में नामजद पांच लाख रुपये के इनामी अताउर रहमान उर्फ बाबू को पुलिस आज तक नहीं पकड़ सकी। इस मामले की जांच सीबीआई ने भी की थी। जानकारों के अनुसार, अपहरण की घटना को अंजाम देने के बाद उवह नेपाल भाग गया था।
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप
महावीर प्रसाद रूंगटा ने यह भी आरोप लगाया था कि माफिया मुख्तार अंसारी ने उसे (अताउर रहमान ) दोबारा बुलवाया और 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कराई थी। इसके बाद तो उसकी दहशत पूर्वी यूपी में बढ़ती चली गई। मुख्तार के नाम से कई कारोबारी खौफ खाते थे। वाराणसी के कई कारोबारियों से वह रंगदारी वसूलता था।
संगीन धाराओं में कई मुकदमे दर्ज
पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, मुख्तार अंसारी के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मऊ, चंदौली, लखनऊ और गाजीपुर के विभिन्न थानों में संगीन धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार पर गाजीपुर के विभिन्न थानों में केस दर्ज है। गाजीपुर जिला प्रशासन माफिया मुख्तार अंसारी, बड़े भाई गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी, परिजनों और संबंधियों की करोड़ों की अचल संपत्ति कुर्क कर चुकी है।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज पांच मुकदमों में वह चार में दोष मुक्त हो चुका था। गैंगस्टर एक्ट से संबंधित सिर्फ अवधेश राय हत्याकांड से जुड़े मुकदमे में मजबूत पैरवी और लगातार गवाही से मुख्तार की मुश्किलें बढ़ती गईं। नतीजा यह रहा कि मुख्तार के बचाव पक्ष की दलीलें काम नहीं आई और गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुना दी।