- वर्ष में एक बार ही भक्तों को मंदिर के गर्भ गृह में जाने की मिलती है अनुमति
- गंगा जल से मां का सार्वजनिक रुप से करते हैं जलाभिषेक, होता है शीतल चंदर से शृंगार
वाराणसी। बैशाख पूर्णिमा पर शुक्रवार को दशाश्वमेध स्थित सिद्धपीठ बड़ी शीतला माता का जलाभिषेक किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में आस्थावानों ने घड़ा से भरा गंगा जल मां शीतला को अर्पण कर सुख समृद्धि की कामना की, जलाभिषेक के बाद उप महंत अविनाश पांडेय सुट्टु महाराज ने मां का शीतल चंदन से भव्य शृंगार किया। इस दौरान पूरे मंदिर को भव्य रुप से सजाया गया था।

वर्ष में एक बार ही बड़ी शीतला माता मंदिर के गर्भ गृह में भक्तों के प्रवेश की अनुमति मिलती है। बैशाख पूर्णिमा पर माता शीतला का प्रत्येक वर्ष भक्तों की ओर से जलाभिषेक करने की परम्परा है। जिन्हें इस परम्परा की जानकारी थी, वह सपरिवार गंगा तट पर पहुंच गंगा स्नान कर गंगा जल से भरा मिट्टी का घड़ा लिये मंदिर पहुंचने लगे थे। मां के मंदिर में सुबह से ही आस्थावानों की कतार लगी थी।
पौ फटने से सुबह दस बजे तक भक्तों की ओर से मां का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद मंदिर की सफाई की गयी। मंदिर के उप महंत अनिवाश पांडेय उर्फ सुट्टु महाराज ने मां का नीम की पत्तियों व शीतल चंदन से भव्य शृंगार कर आरती उतारी। बताया कि गर्मी में मां को शीतलता प्रदान करने के उद्देश् से इस परम्परा का निर्वहन प्राचीन समय से चला आ रहा है। इसके बाद सभी भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया।