वाराणसी। ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में मिले शिवलिंगनुमा आकृति के ASI सर्वे के मद्देनजर वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की ओर से पूरे ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर की ASI जांच की याचिका को जिला जज की अदालत ने मंजूर कर लिया है।
इस मामले में कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया कमेटी को आपत्ति दाखिल करने के लिए 19 मई तक का समय दिया गया है। इस आवेदन की कॉपी मसाजिद कमेटी को सौंपी गई है। कोर्ट ने इस पूरे मामले की सुनवाई के लिए 22 मई की तिथि बताई है। सुप्रीमकोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने छ: याचिकाकर्त्ताओं की ओर से सर्वे की गुहार लगाई है।
उन्होंने कहा कि हम इस मांग को लेकर सबसे पहले सुप्रीमकोर्ट गए थे। SC ने 21 जुलाई को हमें डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जाने का आदेश दिया था। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बाद हम हाईकोर्ट गए, HC ने सुप्रीमकोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के निर्णय को देखते हुए 12 मई का आदेश जारी किया था।

ASI जांच के बाद Gyanvapi की सच्चाई आएगी सामने: विष्णु शंकर जैन
विष्णु शंकर जैन ने आगे कहा कि तथाकथित मस्जिद की दीवार चीख-चीखकर वहां हिन्दू आस्था का प्रमाण दे रही है। इसलिए इसका ASI जांच होना बहुत ज़रूरी है। तथाकथित मस्जिद के भीतर हिन्दुओं के काफी प्रमाण हैं। कई पेंटिंग्स, श्लोक, मंदिरों की घंटियां आदि उसके भीतर बने हुए हैं। सच्चाई बाहर लाने के लिए ही हमने ये मांग की है। जिस तरह अयोध्या में जांच के बाद, उसमें से 14 खम्भों के प्रमाण मिले थे। उसी तरह ASI जांच यहां भी होना अत्यंत ज़रूरी है। इसके लिए हमारा संघर्ष चल रहा है और कोशिश करेंगे कि बाबा को उनके मूलस्थान पर ला सकें।
बता दें कि ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में मिले कथित शिवलिंग को आज एक वर्ष पूरे हुए हैं। कोर्ट में सुनवाई से पूर्व हिन्दू पक्ष ने मंगलवार की सुबह ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में स्थित नंदी के बगल में महादेव के मंदिर में दर्शन पूजन किया। इसके साथ ही उन्होंने बाबा से केस जीतने के लिए आशीर्वाद मांगा।