Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder: उत्तर पदेश के लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां वकील बनकर आए एक हमलावर ने केसरबाग कोर्ट के भीतर कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ़ जीवा की गोली मारकर हत्या (Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder) कर दी। संजीव मुख़्तार अंसारी का करीबी था। वह बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त तिवारी की हत्या का मुख्य आरोपी था। उसे पेशी के लिए बुधवार को कोर्ट लाया गया था। इसी दौरान वकील बनकर आए हमलावर ने उसपर गोली चलाई।
संजीव पर हुए इस हमले (Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder) में सौरभ नाम के व्यक्ति के बच्चे को पीठ में गोली लगी है। वहीँ इस दौरान एक सिपाही के पैर में भी गोली लगने की खबर है। दोनों का ईलाज बलरामपुर के हॉस्पिटल में किया जा रहा है। जीवा को गोली मारने वाला विजय यादव पुत्र श्यामा यादव जौनपुर के केराकत का रहने वाला है। इसे पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले आक्रोशित कचहरी के वकीलों ने उसे जमकर पीटा, पुलिस ने किसी तरह बीच बचाव कर उसे छुड़ाया और गिरफ्तार किया।
संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder) मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर की नौकरी करता था। जीवा को हथियारों का बड़ा शौक था, एक समय में यूपी में उसे हथियारों का सबसे बड़ा सरगना कहा जाता था।

इसी नौकरी के दौरान उसने अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद उसने (Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder) 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और दो करोड़ की फिरौती मांगी। उस वक्त किसी से दो करोड़ की फिरौती की मांग होना भी अपने आप में बहुत बड़ी बात होती थी। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी।
Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder: हथियारों का तगड़ा नेटवर्क
इसके बाद उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्हदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। जिसमें बाद में संजीव जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder) को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया और इसी क्रम में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहा जाता है कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था, तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने के तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का संरक्षण प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder) पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका था, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी।
- जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder) पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे। इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था।
- वर्ष 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल वर्ष 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और हार गई थी।
- 29 नवम्बर 2005 को गाजीपुर में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में गाड़ी की बोनट पर चढ़कर AK47 से गोली चलाने से संजीव उर्फ़ जीवा सुर्खियों में आया था।
- मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत की भी हत्या लखनऊ में हुई। मुन्ना के खास वाराणसी निवासी तारिक की भी हत्या लखनऊ में हुई और आज मुन्ना के साथी और मुख्तार के खास संजीव जीवा की भी हत्या लखनऊ में ही हुई।