- चिरईगांव विकास खंड में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 50 जोड़ों की हुई शादी
- इस आयोजन में भी नहीं बंटी मिठाई, पेयजल संकट रहा, बंद कर रखा गया था एक शौचालय
वाराणसी। समाज कल्याण विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाले आयोजनों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। स्कीम के अंतर्गत गुरुवार को चिरईगांव ब्लॉक के संदहा स्थित एक लॉन में 50 जोड़ों के लिए कराया गया सामूहिक विवाह समारोह को लेकर ग्रामीणों में काफी चर्चा रही। कारण, विकास खंड मुख्यालय परिसर में बड़ा हॉल और प्रांगण में ही पर्याप्त स्थान उपलब्ध होने के बावजूद अधिक सरकारी पैसा खर्च कर निजी लॉन में कार्यक्रम करना लोगों की समझ से परे रहा।
ब्लॉक मुख्यालय को दरकिनार कर उससे मात्र 300 मीटर दूर स्थित उस लॉन में सरकारी आयोजन किन कारणों से किया गया, इस बारे में कोई जवाब देने वाला नहीं है। जबकि ब्लॉक प्रमुख ने लाखों रुपये की लागत से ब्लॉक मुख्यालय परिसर का सुंदरीकरण भी कराया है। हद तो यह भी कि पूर्व में भी इस योजना के तहत यहां सामूहिक विवाह के कार्यक्रम कराये गये। जबकि उससे पहले ब्लॉक मुख्यालय पर भी ऐसे आयोजन होते रहे। यहां पर्याप्त संख्या में पंखा-कूलर आदि की व्यवस्था है। छोटे कार्यक्रमों के लिए छायादार परिसर में पंडाल की जरूरत भी नहीं पड़ती। सभागार में कम से कम 500 लोग बैठ सकते हैं। उससे कहीं काफी अधिक लोगों से समायोजित किया जा सकता है।

बीते बुधवार को हरहुआ ब्लॉक मुख्यालय पर जिस तरह बारातियों को मिठाई नसीब नहीं हुई, वैसा ही हाल गुरुवार को यहां के कार्यक्रम में दिखा। यहां मिठाइयां मंगवाई जरूर गई थीं लेकिन वर-वधु समेत दोनों पक्ष के लोगों के लिए उसे भोजन की थाली में परोसने की जरूरत नहीं समझी गयी। इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर बीडीओ राजेश वर्मा ने तत्काल मिठाई परोसने के निर्देश दिये लेकिन उसका पालन नहीं हुआ। शुद्ध पेयजल के नाम पर मजह चार जार पानी था। उसे पीने के लिए ग्लास नहीं था। एक शौचालय बंद था। ब्लॉक प्रमुख अभिषेक कुमार सिंह मुख्य अतिथि रहे। समारोह में एक दुल्हे के न पहुंचने पर वधु पक्ष को मायूस होकर लौटना पड़ा।