जेईई एडवांस का रिजल्ट जारी
लखनऊ। देश के प्रतिष्ठित आईआईटी और इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई एडवांस) के परिणाम रविवार को घोषित हुए। इसमें राजधानी से जसकरन सिंह ने आल इंडिया रैंक (एआईआर) 539 के साथ पहला स्थान हासिल किया है। वहीं दूसरे स्थान पर कुनाल सिंह 1241 एआईआर से दूसरे और तीसरे स्थान पर क्षितिज शुक्ला 1279 एआईआर रहे। जबकि छात्राओं में के साथ पहले स्थान पर और पांचवे रैंक रहीं।
इसी क्रम में चौथे स्थान पर शाश्वत त्रिपाठी ने 1657 एआईआर और पांचवें स्थान पर आर्यशि त्रिपाठी ने 1718 एआईआर और छठवें स्थान पर ईशान श्रीवास्तव 1730 एआईआर, सातवें स्थान पर अमय विक्रम सिंह ने 1929 एआईआर हासिल किया है। वहीं कौस्तुभ श्रीवास्तव ने 1967 एआईआर, विनायक त्रिपाठी 2242 एआईआर, समीर राज 2815 एआईआर और ईशान कुमार ने 2841 एआईआर प्राप्त किया। इसके अलावा क्षितिज श्रीवास्तव ने 3481 एआईआर, प्रियंका अरोड़ा ने 3542 एआईआर, प्रज्जवल यादव ने 4000 एआईआर, सार्थक श्रीवास्तव ने 4635 एआईआर और अभिनंदन चंद्रा 4818 एआईआर अर्जित किये है। फिटजी के संजीव कुमार पांडेय ने बताया कि एआईआर 15000 के अंदर 78 छात्रों का चयन हुआ है।

सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी : जसकरन सिंह
एआईआर 539 रैंक के साथ राजधानी में टॉप करने वाले जसकरन सिंह ने बताया कि जेईई में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहतन जरूरी है। इसके अलावा बीते साल के पेपर हल करना भी आवश्यक है। मॉक टेस्ट में शामिल होने के साथ ही मैंने अपने नोट्स भी खुद तैयार किये हैं। तैयारी कर रहे छात्रों को लगातार मेहनत करनी चाहिए। मॉक टेस्ट में शामिल हों और नोट्स तैयार करें। इनके पिता विवेकसिंह मैनेजर और मां गुरवीन कालरा गृहिणी हैं।
फोटो–कुनाल सिंह

आईआईटी दिल्ली में दाखिला लेना चाहते हैं : कुनाल सिंह
एआईआर 1241 रैंक के साथ राजधानी में दूसरा स्थान हासिल करने वाले कुनाल सिंह ने बताया कि अभी किस ब्रांच में जाना है तय नहीं किया लेकिन आईआईटी दिल्ली में दाखिला लेना चाहते है। उन्होंने बताया कि जेईई मेन में 96.7 पर्सेंटाइल आये थे। इन्होंने स्कूलिंग डीपीएस जानकीपुरम् से की है। उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन करीब पांच घंटे पढ़ाई करते थे। इंटर में पीसीएम ग्रुप से पढ़ाई की और उन्हें मैथ पंसद है। सफलता पाने के लिए अपने शिक्षक के बताये हुए निर्देशन पर पढ़ाई करनी चाहिए। इनकी सिंगल मदर सीमा सिंह गृहिणी है और इनका सहयोग नाना रिटायर आईपीएस बंशीलाल करते हैं।
फोटो-क्षितिज शुक्ला

इंजीनियरिंग के विषय पंसद हैं : क्षितिज शुक्ला
एआईआर 1279 रैंक के साथ राजधानी में तीसरे स्थान पर आये क्षितिज शुक्ला ने बताया कि इंजीनियरिंग के विषय पंसद आये इसलिए इंजीनियरिंग करने का मन बनाया। शिक्षकों से मिले दिशा-निर्देश से तैयारी बेहतर हुई। काफी मॉक टेस्ट दिये और एआईआईटीस काफी सहायक रहा। करीब छह घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करते थे। सीएमएस से स्कूलिंग रहीं है। अच्छे मार्क्स के लिए आर्गेनिक कैमेस्ट्री से खुद नोट्स बनाये। इनके पिता दिनेश शुक्ला विद्यांत कालेज में शिक्षक है और मां दीक्षा शुक्ला गृहिणी है।

आईआईटी कानपुर लेना है दाखिला : शाश्वत त्रिपाठी
एआईआर 1657 रैंक के साथ राजधानी में चौथा स्थान पर आये शाश्वत त्रिपाठी ने बताया कि आईआईटी कानपुर में दाखिला लेना चाहते है। वह इलेक्ट्रिकल एंड कम्प्यूटर (ईसी) से इंजीनियरिंग करना चाहते है। वह इस ब्रांच से इसलिए इंजीनियरिंग करना चाहते है क्योकि इलेक्ट्रानिक्स और कम्प्यूटर साइंस दोनों ही बहुत रिलेटेड है। इनके पिता परमेश्वर त्रिपाठी लीबिया में इंजीनियर है और माता वंदना त्रिपाठी गृहिणी है। शाश्वत ने बताया कि इन्हें शुरू से इंजीनियरिंग के प्रति रूझान रहा।

इलेक्ट्रिकल करना हैं इंजीनियरिंग : आर्यशी त्रिपाठी
एआईआर 1718 रैंक के साथ राजधानी में पांचवा स्थान पर आयी आर्यशी त्रिपाठी ने बताया कि वह इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग करना चाहती है। मेरे पापा डॉ. आनंद त्रिपाठी टीबी अस्पताल में डॉक्टर हैं। मां प्रीति त्रिपाठी भी डॉक्टर हैं। मुझे हमेशा से इंजीनियरिंग पसंद थी, इसलिए मैंने जेईई की परीक्षा दी। मैं रोजाना छह घंटे पढ़ाई करती थी। साथ ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी करती रही। मेरा मानना है कि इंटरनेट का उपयोग यदि अच्छी वजह से की जाए तो फायदा मिलता है। मैं वाट्सएप चलाती हूं लेकिन फेसबुक और इंस्टाग्राम से पूरी तरह से दूर हूं।

टॉप आईआईटी में लेना है दाखिला : ईशान श्रीवास्तव
एआईआर 1730 रैंक हासिल करने वाले ईशान श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी आईआईटी मेन में 4500 परर्सेंटाइल आयी थी। वह इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग करना चाहते है और टॉप आईआईटी दाखिला लेना चाहते है। उन्हें इंजीनियरिंग से सम्बन्धित विषयों में रूचि है। इनके पिता अखिलेश श्रीवास्तव रेलवे में डिजाइनिंग इंजीनियर है और मां अनुपमा श्रीवास्तव गृहिणी है।

इंजीनियर बन माता-पिता के सपने को करना है पूरा : प्रज्जवल यादव
प्रज्जवल यादव ने बताया कि मेरे पिता उर्वेश यादव सुपरवाइजर की नौकरी करते हैं। मां ममता यादव गृहिणी हैं। उनके साथ ही मेरा सपना भी इंजीनियर बनने का है। प्रतिष्ठित संस्थान से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना मेरा सपना है इसलिए अब पूरा ध्यान जेईई-एडवांस पर है।
sudha jaiswal