Nand Kishore Rungta: मुख़्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा होने के बाद भी उसकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नन्द किशोर रुंगटा (Nand Kishore Rungta) हत्याकांड के गवाह को धमकाने और बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में सोमवार को कोर्ट में सुनवाई टल गई। दो अधिवक्ताओं के निधन के कारण वकील शोक में न्यायिक कार्य से विरत थे, जिससे सुनवाई नहीं हुई। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए स्पेशल सीजेएम की कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए तीन जुलाई की तिथि नियत की है।
नंद किशोर रुंगटा हत्याकांड (Nand Kishore Rungta) के मुख्य गवाह को धमकाने के आरोप में मुख्तार अंसारी आरोपी है। इस मामले एक गवाह के तलब करने के लिए अभियोजन हाईकोर्ट में दरवाजा खटखटाने वाली है। इसके संबंध में शासन से भी अनुमति मिल गई है। अभियोजन पक्ष के ओर से लोअर कोर्ट में सूचना के रूप में अर्जी दी गई है। जिसके कारण सुनवाई लंबित है।
रूंगटा हत्याकांड (Nand Kishore Rungta) के गवाह को धमकी मामले में पिछले दिनों सत्र न्यायालय ने लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल निगरानी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने शासन को अवगत कराते हुए हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने के सबंधित पत्र लिखा था। जिसके बाद गृह सचिव उतर प्रदेश ने हाईकोर्ट के शासकीय अधिवक्ता को अपील दाखिल करने के लिए सबंधित पत्र लिखा है।

प्रकरण के अनुसार नंद किशोर रूंगटा (Nand Kishore Rungta) के अपहरण के बाद उसके परिजनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इसके बाद महावीर प्रसाद रूंगटा ने भेलूपुर थाने में पांच नवंबर 1997 को बम से उड़ाने की धमकी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद धमकी के मामले में मुख्तार के खिलाफ उसी समय आरोप पत्र दाखिल किया। किन्तु इस मामले में 24 अगस्त 2021 को मुख्तार के खिलाफ आरोप तय होने के बाद गवाही के लिए गवाहों को तलब किया गया। वादी महावीर प्रसाद रूंगटा और अन्य दो परिवार के सदस्य समेत छ: गवाही हुई। एक अहम गवाह चालक एमबी सचान की गवाही नहीं हो सकी है।
Nand Kishore Rungta: अपहरण के बाद कोयला व्यापारी की कर दी गई थी हत्या
बता दें कि वाराणसी भेलुपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले कोयला व्यापारी नन्द किशोर रुंगटा (Nand Kishore Rungta) की 22 जनवरी 1997 को अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई थी। अपहरणकर्ताओं ने रुंगटा के परिजनों से पांच करोड़ रुपए फिरौती की डिमांड की थी। परिजन 1.5 करोड़ देने को तैयार हुए, लेकिन निर्दयी अपहरणकर्ताओं को कम पैसा मिलना रास नहीं आया। उन्होंने नन्द किशोर रुंगटा की हत्या कर दी। इस हत्या का आरोप मुख़्तार और उसके गुर्गे अताउर रहमान उर्फ़ सिंकदर पर लगा। इस मामले में भेलूपुर थाने में नन्द किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा ने 1 दिसम्बर 1997 को मुख़्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।