प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को गोरखपुर स्थित गीता प्रेस (Gita Press) के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस (Gita Press) लोगों की एक जीवंत आस्था है। यह केवल एक प्रिंटिंग प्रेस नहीं है। मानव मूल्यों को बचाने के लिए ही गीता प्रेस (Gita Press) जैसी संस्थाएं जन्म लेती हैं।
पीएम ने गीता प्रेस (Gita Press) की तुलना हिन्दुओं के पवित्र मंदिर से की। उन्होंने कहा गीता प्रेस (Gita Press) का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है। जहां जहां गीता है, वहां साक्षात् कृष्ण भी हैं। ज्ञान का बोध भी है, हां विज्ञान का शोध भी है। यहां सब वासुदेवमय है।
Gita Press: जब संतों का आशीर्वाद फलीभूत होता है, तो ऐसे संस्थान बनते हैं
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, सावन का पवित्र माह, इंद्रदेव का आशीर्वाद संतों की कर्मस्थली, ये गोरखपुर की गीता प्रेस (Gita Press)। जब संतों का आशीर्वाद फलीभूत होता है, तब ऐसे संस्थान बनते हैं। इस बार का मेरा गोरखपुर का दौरा ‘विकास भी-विरासत भी’ की नीति का अद्भुत उदाहरण है। गीता प्रेस के इस कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा। आज से ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू होने जा रहा है।
इस बार का मेरा गोरखपुर का दौरा 'विकास भी-विरासत भी' की नीति का अद्भुत उदाहरण है। गीता प्रेस के इस कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा।
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) July 7, 2023
आज से ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू होने जा रहा है: प्रधानमंत्री श्री @narendramodi
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पीएम ने कहा- वंदे भारत ट्रेन ने देश के मध्यम वर्ग को सुविधा और सहूलियत की एक नई उड़ान दी है। आज देश के कोने-कोने से नेता मुझे चिट्ठियां लिखकर कहते हैं कि वंदे भारत ट्रेन हमारे क्षेत्र से भी चलवाइए। ये वंदे भारत ट्रेन का क्रेज ही है।
गीता प्रेस (Gita Press) ने समर्पित नागरिकों का निर्माण किया
उन्होंने कहा- मुझे बताया गया कि गांधी जी ने सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका के लिए विज्ञापन न लिया जाए। आज भी कल्याण पत्रिका गांधी जी के सुझाव का पालन कर रही है।
गीता प्रेस (Gita Press) से करोड़ों किताब प्रकाशित हो चुकी हैं। ये किताब लागत से कम मूल्य पर बिकती हैं। घर-घर पहुंचाई जाती है। आप कल्पना करिए कितने ही लोगों को इन किताबों ने कितने समर्पित नागरिकों का निर्माण किया। मैं ऐसे लोगों को प्रणाम करता हूं।
गीता प्रेस (Gita Press) भारत को जोड़ती है
गीता प्रेस (Gita Press) भारत और भारत के लोगों को जोड़ती है। देशभर में इसकी 20 शाखाएं हैं। देशभर के हर रेलवे स्टेशन पर गीता प्रेस (Gita Press) का स्टॉल देखने को मिलता है। 1600 प्रकाशन होते हैं। गीता प्रेस (Gita Press) एक भारत श्रेष्ठ भारत को, प्रतिनिधित्व देती है। 1923 में गीता प्रेस के रूप में यहाँ जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्ज्वलित हुई, आज उसका प्रकाश पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रहा है।
गीता प्रेस (Gita Press) ने 100 वर्ष का सफर ऐसे समय में पूरा किया है। जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है। इससे पहले पीएम ने लीला चित्र मंदिर को देखा। यहां टेसू के फूलों से बने 675 साल पुराने राम-कृष्ण के चित्र को देखा। पहली प्रिंटिंग मशीन भी देखी।
भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बन रहा: सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा- हम सभी ने बीते 9 वर्षों में भारत के विकास की यात्रा के साथ-साथ आस्था और विरासत को मिल रहे सम्मान व वैश्विक स्तर पर मिल रही पहचान को देखा है। ये नया भारत प्रधानमंत्री जी का अनुगामी बनकर, उनके मार्ग का अनुसरण करते हुए दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने के उनके संकल्पों के साथ कार्य कर रहा है।
गीता प्रेस (Gita Press) अपनी 100 वर्ष की शानदार यात्रा को लेकर आगे बढ़ा है, लेकिन विगत 75 वर्षों में आज तक कोई प्रधानमंत्री गीता प्रेस (Gita Press) में नहीं आया। योग भारत की अति प्राचीन विधा रही है, लेकिन पहली बार योग को वैश्विक मान्यता मिली है। 21 जून की तिथि को संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता देकर प्रधानमंत्री जी के प्रस्ताव को वैश्विक मान्यता दी गयी है।
गीता प्रेस (Gita Press) पर दिखाई गई डाक्यू्मेंट्री
गीता प्रेस शताब्दी वर्ष समापन समारोह में पीएम मोदी, राज्येपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी मौजूद हैं। सीएम योगी के सम्बोमधन के बाद गीता प्रेस पर एक डाक्यू्मेंट्री भी दिखाई गई।