Varanasi BJP President (वाराणसी): आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना भी भाजपा के लिए एक अहम् कदम है। इसके तहत भाजपा का शीर्ष प्रबंधन प्रदेश के प्रत्येक जिले की जिला व महानगर इकाई के कार्यप्रणाली को टटोलने में जुट गया है। इसके लिए संगठनात्मक दृष्टि से हर जिले में पर्यवेक्षकों की तैनाती की गयी है। प्रदेश इकाई की तरफ से वाराणसी समेत प्रत्येक जिले में पर्यवेक्षक के रूप में प्रदेश पदाधिकारियों को भेजा जा रहा है। पर्यवेक्षक की रिपोर्ट तय करेगा कि जिलाध्यक्ष पद की कुर्सी (Varanasi BJP President) संभालने वाला कौन हो सकता है?
पार्टी सूत्रों की मानें तो किसी भी चुनाव की कामयाबी में संगठन का अहम् रोल होता है। मिशन-2024 को फतह करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत ही झोंक दी है। इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के मंत्रियों से लेकर संगठन के वफादार और कर्मठ कार्यकर्ताओं को महती जिम्मेदारी भी देने की तैयारी चल रही है। इसी के तहत प्रदेश इकाई ने अपने पदाधिकारियों (Varanasi BJP President) को संगठनात्मक दृष्टि वाले जिलों में पर्यवेक्षकों की तैनाती भी कर दी है।
भाजपा ने जिन प्रदेश पदाकारियों को पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी है, उनमें प्रदेश उपाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह को लखनऊ का जिम्मा सौंपा गया है। जबकि कानपुर का महामंत्री राम प्रताप सिंह को, गोरखपुर का संतोष सिंह को, वारााणसी का अमरपाल मौर्य को, प्रयागराज का गोविंद नारायण शुक्ला को, आगरा का डॉ. संजय राय को, झांसी का डॉ. धर्मेंद्र सिंह को, अलीगढ़ का अनूप गुप्ता को, देवरिया का कमलावती सिंह को, नोएडा का त्रयम्बक त्रिपाठी को और सहारनपुर का सुभाष यदुवंश को पर्यवक्षक बनाया गया है। इसी प्रकार अन्य जिलों के लिए प्रदेश पदाधिकारियों को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो यह सभी प्रदेश पदाधिकारी आवंटित अपने-अपने जिलों में जाकर जिलाध्यक्षों के कामकाज की रिपोर्ट (Varanasi BJP President) तैयार करेंगे। जहां वह काम से संतुष्ट नहीं होंगे, वहां मौजूदा जिलाध्यक्ष के अलावा चार-चार नामों का पैनल तैयार करेंगे। यह सारी रिपोर्ट पर्यवेक्षकों को 15 जुलाई तक प्रदेश कार्यालय सौंप देनी है। 25 जुलाई तक जिन जिलों और महानगर में अध्यक्ष बदले जाने हैं, उनकी सूची जारी कर दी जाएगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीते रविववार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल ने सभी प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक ली थी। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री ने पदाधिकारियों को टास्क सौंपा कि वह जिलों में प्रवास करें और वहां बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों और सामान्य लोगों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट तैयार करें। यह भी बताया गया कि कुछ जिलों में अध्यक्षों ने महाजनसंपर्क अभियान में रुचि नहीं दिखाई है।
कुछ जिलाध्यक्षों का निकाय चुनाव में भी प्रदर्शन सही नहीं था। पदाधिकारियों को यह भी ध्यान रखना होगा कि जहां जिला और महानगर अध्यक्ष (Varanasi BJP President) दो से तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उसका भी जिक्र रिपोर्ट में अवश्य करें। यह भी तय किया गया है कि जो जिलाध्यक्ष एमएलसी बनाए जा चुके हैं, उन्हें भी बदल दिया जाए।
Varanasi BJP President: संगठनात्मक बदलाव में क्षेत्रीय अध्यक्षों का भी अहम रोल
पार्टी सूत्रों की मानें तो संगठनात्मक बदलाव में क्षेत्रीय अध्यक्षकों का भी महत्वपूर्ण रोल होगा। इस बात के संकेत बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने दिये हैं। यहीं कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष ने इस बाबत क्षेत्रीय अध्यक्षों से भी रिपोर्ट (Varanasi BJP President) मांगी है। क्षेत्रीय अध्यक्षों से कहा गया है कि जिलों के साथ उनकी भी क्षेत्रीय टीम का गठन कर दिया जाएगा। इस टीम के लिए भी अलग-अलग तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया जाना है। जिलाध्यक्ष और क्षेत्रीय टीम के लिए आए पैनल से नामों पर मंथन कर उनमें से कुछ नाम तय किए जाएंगे। इसके बाद एक साथ ही पूरी लिस्ट घोषित कर दी जाएगी।
Varanasi BJP President: चहेतों को कुर्सी दिलाने के लिए जुटे दिग्गज
पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा संगठन के महत्वपूर्ण पदों की कुर्सी अपने चहेतों को दिलाने के लिए दिग्गज भी जुट गए हैं। हो भी क्यों न? संगठन को नये सिरे से बनाने में दिग्गजों का भी अहम् रोल जो माना जा रहा है। यहीं वजह है कि मनचाही कुर्सी पाने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता अपने-अपने आंकाओं के चक्कर भी लगाने शुरू कर दिये हैं। सूत्रों की मानें तो संगठन के चेहरों में सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा। जिला व महानगर इकाई के महत्वपूर्ण पदों पर अगड़े, पिछड़े, अनुसूजित जाति, दलित, कायस्थ, ब्राह्मण, भूमिहार और क्षत्रिय चेहरे भी हो सकते हैं।
- जितेन्द्र श्रीवास्तव