Muslim Boycotted ASI Survey :ज्ञानवापी के ASI सर्वे का काम सोमवार सुबह से शुरू हो गया। इस दौरान वाराणसी पुलिस व प्रशासन के ओर से सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किए गये हैं। बताया जा रहा है कि ASI द्वारा किया जा रहा यह सर्वे 3-4 दिनों तक चलेगा। जिसके बाद ASI की टीम 4 अगस्त को वाराणसी न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेगी।
मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे का किया बहिष्कार (Muslim Boycotted ASI Survey)
इमाम शाही मस्जिद ज्ञानवापी व जनरल सेक्रेटरी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि रविवार देर रात जिलाधिकारी व कमिश्नर आवास पर मीटिंग हुई थी। जिसमें हमारी ओर से कहा गया कि इस सर्वे की सूचना (Muslim Boycotted ASI Survey) हमें नहीं मिली है। दूसरी बात यह कि कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें सोमवार को सुनवाई होनी है। हम इस सर्वे में शामिल नहीं हो सकते हैं।
हमने लिखित में अधिकारियों को आश्वासन दिया है कि इस सर्वे को एक दिन के लिए आगे बढ़ाएं। सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के फैसले के बाद हम इस सर्वे में शामिल होकर हिन्दू पक्ष का सहयोग करते। अधिकारियों ने वादा किया था कि आपकी बात उच्चअधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज सर्वे हो रहा है, इसलिए हमने इस सर्वे का बहिष्कार (Muslim Boycotted ASI Survey) किया है।
हमने सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए अवमानना याचिका दाखिल किया हुआ है कि जो सर्वे उच्चतम न्यायालय के आदेश पर रुका हुआ है, वह आदेश डिस्ट्रिक्ट कोर्ट कैसे दे सकता है। ASI ने Worship Act 1991 का उल्लंघन (Muslim Boycotted ASI Survey) किया है।

Muslim Boycotted ASI Survey दो बार आदेश के बाद रुका सर्वे, तीसरी बार हुआ शुरू
ज्ञानवापी में एएसआई से सर्वे के लिए दो बार अदालत के आदेश आए हैं। मगर, एक बार इलाहाबाद हाईकोर्ट और दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सर्वे का काम शुरू ही नहीं हो पाया। तीसरी बार में सर्वे शुरू हो रहा है।
पहली बार जिला अदालत ने आठ अप्रैल 2021 को प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लॉर्ड आदि विश्वेश्वरनाथ व अन्य बनाम अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी (Muslim Boycotted ASI Survey) व अन्य के वाद में एएसआई को ज्ञानवापी परिसर का रडार तकनीक से सर्वे का आदेश दिया था। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की अपील पर सितंबर 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे (Muslim Boycotted ASI Survey) पर रोक लगा दी थी। यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के विचाराधीन है। इस पर 25 जुलाई को सुनवाई भी होनी है।
दूसरी बार 12 मई 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि ज्ञानवापी स्थित वज्रखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की वैज्ञानिक पद्धति से एएसआई जांच करे। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2023 को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया।

अतिरिक्त सतर्कता बरते पुलिस: कमिश्नर
ज्ञानवापी में एएसआई के सर्वे के मद्देनजर पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने तीनों जोन के डीसीपी और थानेदारों का अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया की निगरानी ऐसी हो कि कोई अफवाह न फैलाने पाए। माहौल पर नजर रखें और संभ्रांत लोगों के संपर्क में रहें। एलआईयू सूचनाओं का संकलन कर अपना इनपुट देती रहे। मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील इलाकों में फोर्स पैदल गश्त करती रहे। सर्वे के काम के दौरान अनावश्यक भीड़ श्री काशी विश्वनाथ धाम या उसके आसपास न एकत्र होने पाए।

Highlights
बाबा अपनी इच्छा से बाहर आना चाहते हैं: हिन्दू पक्ष
एएसआई की टीम के वाराणसी पहुंचने के बाद जिला प्रशासन ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष के साथ अलग-अलग बैठक कर सोमवार से शुरू होने वाले सर्वे की जानकारी दी। पुलिस आयुक्त के शिविर कार्यालय में। बैठक के बाद हिंदू पक्ष ने सर्वे की कार्रवाई शुरू होने को बड़ी जीत बताई।
यह हमारे लिए बड़ी जीत है। एएसआई सर्वे से सच सामने आ जाएगा। मंदिर और मस्जिद के विवाद का जल्द निपटारा होगा। सब कुछ बाबा के कृपा से हो रहा है। मंजू व्यास सावन के तीसरे सोमवार से शुरू होने वाला एएसआई सर्वे महत्त्वपूर्ण है। अपार खुशी है। हमारे जीवन का कभी न भूलने वाला क्षण है।
- सीता साहू
एएसआई की टीम के साथ पूरे समय मौजूद रहेंगे। इस सर्वे से दीवारों, मूर्तियों और पत्थरों की उम्र का पता चल जाएगा। सच सामने आ जाएगा। हिंदुओं को बाबा मिल जाएंगे।
- रेखा पाठक
सर्वे के बाद लंबे समय से चल रहे विवाद का अंत होने की उम्मीद है। यह करोड़ों सनातनधर्मियों की जीत है। आज सुबह से सर्वे का काम शुरू हो गया।
- लक्ष्मी देवी
न्यायालय के आदेश का अनुपालन में सोमवार से एएसआई सर्वे शुरू हो गया अब बाबा अपनी इच्छा से सावन के सोमवार को निकलना चाह रहे हैं। इसलिए सर्वे शुरू हो रहा है। सभी वादिनी और उनके अधिवक्ता इस दौरान मौजूद हैं।
- सुभाष नंदन चतुर्वेदी, अधिवक्ता हिंदू पक्ष