- आर्किटेक्ट एसोसिएशन के कार्यक्रम में पेश किया गया जिले के नये विकास का मसौदा
- वीडीए के टाउन प्लानर मनोज कुमार ने प्रस्तुत किया ‘वाराणसी मास्टर प्लान-2031
Varanasi Master Plan 2031: वाराणसी जनपद में रोप-वे प्रोजेक्ट ने कदम रख दिया है अब लाइट मेट्रो पर मंथन आरंभ हो चुका है। लाइट मेट्रो एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो सड़क के समानांतर यातायात का मार्ग प्रशस्त करेगा और आवागमन को सुविधाजनक बनाएगा। चंदुआ सट्टी, विश्वेश्वरगंज और फूल मंडी समेत अन्य मंडियां स्थानांतरित की जाएंगी। जिला जेल शिफ्ट करने का फैसला हो चुका है। अब सेंट्रल जेल को भी स्थानांतरित करने का खाका तय कर रहे हैं। जनपद में रिंग रोड के आसपास सहित वाराणसी और मीरजापुर के बीच के क्षेत्र में विभिन्न स्तर पर व्यापक विकास कार्य कराए जाएंगे। रिंग रोड और राजमार्गों के आसपास विभिन्न स्तर पर डेवलपमेंट करेंगे।
आर्किटेक्ट एसोसिएशन की ओर से शनिवार की देर शाम छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल में जहां जिले के विकास का मसौदा पेश किया गया वहीं इसकी खूबियां भी बतायी गईं। मुख्य अतिथि वीडीए के टाउन प्लानर मनोज कुमार ने पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये ‘वाराणसी मास्टर प्लान-2031 (Varanasi Master Plan 2031)’ की कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि शहर की भौगोलिक स्थिति, बढ़ती आबादी को देखते हुए आगामी वर्षों के लिए विकास तैयार करना एक बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि हाल में भी नगर निगम सीमा के बढ़े दायरे को भी देखते हुए शहर के बाहरी हिस्से में कई टाउनशिप विकसित (Varanasi Master Plan 2031) करने की कवायद है। चिह्नित परिधि में सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम, मार्ग, आवागमन की सुचारु व्यवस्था, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षण संस्थान, मार्केट समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराएंगे।
श्री कुमार ने न्यूयॉर्क, ह्यूसटन और वियना आदि शहरों में साल दर साल हुए विकास के क्रम को विभिन्न वर्षों के गूगल मैप के जरिये पेश करते हुए कोलकाता, चंडीगढ़, नागपुर और लखनऊ आदि में हुए डेवलपमेंट के बारे में बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टाउनशिप (Varanasi Master Plan 2031) विकसित करने के लिए सबसे पहले सड़कों का नेटवर्क तय कर उन्हें चिह्नित करते हुए निर्धारित कर लेना जरूरी है। कारण, यदि संबंधित इलाकों में भवनों का निर्माण हो गया तो वहां रोड नेटवर्क सुनिश्चित करना संभव नहीं हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि निर्धारित परिधि के भीतर कुछ ऐसे विकास होना है ताकि विकसित किये गये क्षेत्र के लोगों को बाजार जाने या बस आदि से सफर करने के लिए घर से अधिक दूरी तय न करनी पड़े। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय नगर और रामनगर इलाके की चर्चा करते हुए ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी को सरल बनाने की तैयारी पर जोर दिया। साथ ही योगी सरकार द्वारा एक ट्रिलियन यूएस डॉलर के लक्ष्य हासिल करने के टार्गेट को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान में कई बिंदुओं की ओर ध्यान दिलाया।

Varanasi Master Plan 2031: नई टाउनशिप नीति के तहत मिलेंगे कई छूट
वाराणसी और मीरजापुर के बीच के विभिन्न कलस्टर के रूप में विकास किये जाने की ओर संकेत करते हुए उन्होंने बताया कि 2014 में ही मास्टर प्लान (Varanasi Master Plan 2031) तैयार कर लिया गया था, लेकिन समय के साथ आये बदलावों के तहत उसमें कुछ संशोधन किये गये हैं। नई टाउनशिप नीति-2023 में कई प्रकार के छूट भी प्रस्तावित हैं।

टाउन प्लानर ने बताया कि मास्टर प्लान (Varanasi Master Plan 2031) पर लगभग 607 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। एक अन्य चर्चा में उन्होंने बताया कि विकास कार्यों के तहत जमीनों के उपयोग के अलग-अलग क्षेत्र निर्धारित कर लिये गये हैं। गंगा और वरुणा नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट, ट्रांसपोर्ट नगर, बस स्टेशन, हेरिटेज स्थलों का संरक्षण, नागरिक सुविधाएं, पार्किंग प्लेस, राजमार्गों पर सुविधाजनक विभिन्न स्थल आदि ध्यान में रखे गये हैं। रिंग रोड और बाबतपुर रोड सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। राजमार्गों के किनारे हाई फेसिलिटी जोन के इलाके चिह्नित किये गये हैं। गोलगड्डा बस स्टेशन स्थानांतरित किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में नये बस स्टेशन स्थापित होंगे।

बाबतपुर में 400 एकड़ भूमि चिन्हित
औद्योगिक आस्थानों से जुड़े एक सवाल के जवाब में मनोज कुमार ने बताया कि जो भूमि पर आवासीय भवन बनाने या खेती लायक नहीं हैं, वहां ऐसे आस्थान क्षेत्र के लिए विचार किया जा सकता है। कपसेठी में 282 एकड़ जमीन का मसला जल्द सुझा लिये जाने की उम्मीद है। टाउनशिप (Varanasi Master Plan 2031) की चर्चा में उन्होंने बताया कि बाबतपुर हवाईअड्डे के पास 400 एकड़ भूमि चिह्नित किया गया है। आर्किटेक्ट सीपी चावला के संयोजन में कार्यक्रम का संचालन पयस्वनी ने किया। अंत में पूर्व अध्यक्ष अतुल राय ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में बीएचयू आईआईटी आर्किटेक्चर विभाग का भी सहयोग रहा। आरंभ में रक्षा पाइप के प्रतिनिधि सूर्य प्रकाश जायसवाल ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
Highlights

इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में वाराणसी आर्किटेक्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार दीक्षित, सचिव हिमांशु श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष अजय सिंह, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, आरसी जैन, श्यामलाल सिंह, अनुराग कुशवाहा, टीएन सिंह, किशोर कपूर, अनुपम कुमार, धीरज कपूर, रितेश कश्यप आदि उपस्थित रहे।

क्या है लाइट मेट्रो
केंद्र सरकार ने छोटे व मझोले शहरों में कम खर्च पर मेट्रो की सुविधा (Varanasi Master Plan 2031) देने के लिए मेट्रो का प्लान बनाया है। लाइट मेट्रो की लाइन की ट्रैक के किनारे फेंसिंग लगाएंगे। फुटपाथ बंद कर उसे लाइट मेट्रो के उपयोग में लाया जाएगा। जहां मार्ग पर संभव नहीं होगा वहां ओवरहेड बनाएंगे। यूपी के गोरखपुर, प्रयागराज और मेरठ में लाइट मेट्रो चलाने की कवायद शुरु हो चुकी है। उसकी मंजूरी का इंतजार है।
कुछ इसी तर्ज पर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में भी लाइट मेट्रो (Varanasi Master Plan 2031) पर मंथन चल रहा है। लाइट मेट्रो का कॉरिडोर सड़क के समानांतर जमीन पर ही होता है। इसका स्टेशन बस स्टैंड की तरह तैयार करते हैं। इसमें तीन-चार कोच होते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक तीन कोच की मेट्रो में तीन सौ यात्री यात्रा कर सकते हैं।