Yogi Statement: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी पर दिए एक बयान से सबको चौंका दिया है। सीएम योगी ने न्यूज़ एजेंसी को दिए इंटरव्यू में ज्ञानवापी पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि उसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। भगवान ने जिसे दृष्टि दी है, वो देखे न। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योतिर्लिंग है, देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं।
मुख्यमंत्री (Yogi Statement) ने कहा, ‘मुस्लिम समाज को अपनी ऐतिहासिक गलती दुरुस्त करनी चाहिए। मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज के ओर से आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है और उस गलती के लिए हम समाधान चाहते हैं।’
योगी ने एजेंसी को दिए इंटरव्यू में आगे कहा कि देखिये मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता। आप मत, आपका मजहब, अपने तरीके से होगा, अपने घर में होगा। अपनी मस्जिद, अपने इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और इसको आप जो हैं किसी भी अन्य तरीके से दूसरे रप थोप नहीं सकते। हमारे लिए देश पहले है। अगर देश में किसी को रहना है, तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना है, अपने मत मजहब को नहीं।

Yogi Statement: चोला बदलने से पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिलती
I.N.D.I.A. के गठबंधन पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन को इंडिया नहीं बोलना चाहिए। यह तो डॉट कॉम ग्रुप है। चोला बदलने से उन्हें पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाएगी।
सीएम ने आगे कहा (Yogi Statement) कि मैं 6 साल से मुख्यमंत्री हूं। 2017 से उत्तर प्रदेश में कोई दंगा तो नहीं हुआ। बड़ी-बड़ी बातें जो लोग करते हैं, वे देखें चुनाव कैसे होते हैं। पंचायत चुनाव, नगर निकाय चुनाव, विधानसभा चुनाव हुए, वेस्ट बंगाल में चुनाव हुए, वहां क्या हाल हुए। देखा तो है ही न। क्या वेस्ट बंगाल बनाना चाहते हैं देश को।
कुछ लोग सत्ता में आकर जबरन पूरी व्यवस्था को कैद कर देना चाहते हैं। जो हमें वेस्ट बंगाल में देखने को मिला। किसे वहां विरोधी दलों के लोगों को मारा गया। ये चीज़ें आंखों को खोलने वाली हैं। उसपर कोई बोलता नहीं। 1990 में जो कुछ हुआ, उस पर सब मौन हैं। आखिर ये दोहरा दृष्टिकोण क्यों?
ओवैसी बोले – सीएम ने कानून के दायरे को लांघा
योगी के इस बयान (Yogi Statement) मुस्लिम समाज और कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई है। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘जिस मामले पर कोर्ट का फैसला आना है। यूपी सीएम ने इस मामले पर बोलकर कानून का दायरे को लांघा है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में है। मैं मस्जिद में मंदिर खोजने वालों (Yogi Statement) को सावधान कर रहा हूं। धर्म के ठेकेदारों ने दलित, दलित, पिछड़ों को समय-समय पर अपमानित किया है। लगता है हिन्दू धर्म एक जाति विशेष के लिए बना है। ये दलित, पिछड़ों के लिए बना ही नहीं है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा- ज्ञानवापी एक ऐतिहासिक सच्चाई है। सीएम ने उसे स्वीकार (Yogi Statement) करने की बात कही है। उस स्थान को देखकर जो दिखता है, जो राय है। उन्हीं विषयों पर कहा है। यह देश की आस्था से जुड़ा विषय है। मामला कोर्ट में है। कोर्ट ने सर्वे के लिए कहा है। बहुत सारे लोग सर्वे में व्यवधान डालेंगे। हमें मिलकर काम करना चाहिए।”
सीएम के बयान (Yogi Statement) से तकलीफ हुई: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा- सीएम के बयान (Yogi Statement) से तकलीफ हुई। सीएम को कानून सम्मत बात कहनी चाहिए। 1991 में जो कानून बना उसकी रक्षा करनी चाहिए। सीएम का बयान योगी या फिर पुजारी की तरह दिया गया है। यह बयान एक पक्ष के लिए दिया है। देश क्या वर्ग विशेष की इच्छाओं और धार्मिक आस्थाओं से चलेगा। उन्हें अपने बयान पर पुनर्विचार करना चाहिए।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा- जब चुनाव आते हैं तो बीजेपी इसी तरह की बात (Yogi Statement) करने लगती है। चुनाव में जो वादे किए थे उन्हें तो पूरा नहीं कर पा रही है। इस तरह के बयान का कोई मतलब नहीं है। यह उनका चुनावी हथकंडा है।
कथावाचक देवकीनंदन ने सीएम योगी के बयान (Yogi Statement) का समर्थन किया है। उन्होंने कहा,”चाहे काशी की ज्ञानवापी हो, मथुरा की श्रीकृष्णजन्मभूमि की शाही मस्जिद हो या आगरा की जामा मस्जिद, जहां भी आप तलाश करेंगे वहां सनातन के चिन्ह मिल जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सही बात कही है।”

ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर हाईकोर्ट में केस चल रहा है। जिस पर 3 अगस्त को फैसला आने को है। उसके बाद ही इसका सर्वे होगा। दरअसल, स्थानीय कोर्ट के आदेश पर मई 2022 मे ज्ञानवापी का कमीशन सर्वे हुआ था। अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल होने के साथ ही लीक हुई थी।
इस रिपोर्ट में मस्जिद के भीतर हाथी के सूंड़, त्रिशूल, पान, घंटियां दिखीं। मुख्य गुंबद के नीचे दक्षिणी खंभे पर स्वास्तिक का चिह्न मिला। मस्जिद के प्रथम गेट के पास तीन डमरू के चिह्न मिले। उत्तर-पश्चिम दिशा में 15*15 फीट का एक तहखाना दिखा, जिसके ऊपर मलबा पड़ा था, वहां पड़े पत्थरों पर मंदिर जैसी कलाकृतियां भी दिखीं
सर्वे में 3 फीट गहरा कुंड मिला। कुंड के चौतरफा 30 टोटियां लगी थीं। कुंड के बीच में लगभग 6 फीट गहरा कुआं दिखा। कुएं के बीचो-बीच गोल पत्थरनुमा आकृति दिखी। बाहर विराजमान नंदी और अंदर मिले कुंड (जिसके बीचो-बीच एक पक्ष द्वारा शिवलिंग स्थापित बताया गया) के बीच की दूरी 83 फीट 3 इंच है। कुंड के बीचो-बीच स्थित पत्थर की गोलाकार आकृति (जिसे हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग कहा गया) में सींक डालने पर 63 सेमी गहराई मिली। पत्थर की गोलाकार आकृति के बेस का व्यास 4 फीट था।
खंभे में हिंदी भाषा में 7 लाइनों में खुदा हुआ है। चार दरवाजे के स्थान को नई ईंटों से बंद किया गया है। बेसमेंट की दीवार पर सनातन संस्कृति के चिह्न हैं। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा बताया गया था कि परिसर में कोयले की दुकान भी चलती थी, लेकिन उसका कहीं प्रमाण नहीं मिला। चौथे तहखाने की चाबी न मिलने पर कटर मंगवा कर उसका ताला काटा गया था। उसके आगे जाने पर मलबे से भरा छोटा तहखाना मिला, जहां जा पाना संभव नहीं था।