वाराणसी। वाराणसी में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। घने कोहरे ने लोगों के डेली रूटीन में खलल डाल दिया है। सोमवार से शूरू हुई कड़ाके की ठंड ने मंगलवार की रात में भी लोगों को ठंडी का एहसास कराया। वहीँ सोमवार की सुबह वाराणसी में घना कोहरा देखने को मिला। जिसके कारण लोगों को आवागमन में काफी असुविधा हुई। हालात यह थे कि शहर के बाहर के क्षेत्रों में पास की चीज़ें भी दिखाई नहीं दे रही थीं। लोगों ने अपने काम को पेंडिंग अवस्था में डाल दिया। साथ ही गर्म पहने पहनकर लोग बिस्तर में ही दुबके रहे। हालांकि दोपहर से शूरू हुई हलकी धूप ने कोहरे को समाप्त कर दिया।

धूप निकलने से लोगों को थोड़ी राहत तो महसूस हुई। लेकिन वह भी कुछ ही देर के लिए। क्योंकि बुधवार को निकली धूप में वह गर्मी नहीं थी, जो कि आम दिनों में महसूस की जा सकती थी। कोहरे की पहली दस्तक ने वाहनों की रफ्तार रोक दी। सुबह के समय वाराणसी लखनऊ राष्ट्रीय राज मार्ग एन एच 31 हाईवे समेत अन्य मार्गों पर वाहनों को सुबह 10 बजे तक लाइट जलानी पड़ी।
ये भी पढ़ें: कोहरा बना एक्सीडेंट की वजह: डम्फर के पीछे टकराया ट्रैक्टर, दो की हालत गंभीर
कोहरे के कारण ग्रामीण मजदूरों व अन्य काम भी प्रभावित हुए। सुबह करीब 11 बजे के बाद ही कोहरे व ठंड से कुछ राहत मिली। जब निकली धूप वह भी बेअसर रही। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग बीते तीन दिन से सर्दी और गलन का असर बढ़ा हुआ है।

बुधवार को सुबह 7 बजे के बाद जैसे-जैसे दिन होता गया। वैसे-वैसे कोहरे का प्रकोप बढ़ता गया। सुबह 11 बजे तक हाईवे पर आने जाने वाले वाहन धीमी गति से चल रहे थे। इसलिए कि कहीं कोई दुर्घटना ना हो जाए। स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान हवा चलने से ठंड कंपकंपा देने वाली थी। जनसंदेश संवाददाता के अनुसार, इससे बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्र में शासन की ओर से अलाव की किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे आने जाने वाले राहगीर, किसान एवं मजदूर सभी लोग इस हाड़कपाउ ठंडी में आने जाने को मजबूर हैं।

एक ओर जहां लोगों को आवागमन में सुविधा हुई वहीँ सड़क पर चलने वाले बुजुर्गों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम हुई। वहीँ सांस व अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में भी समस्या हुई। मौसम ख़राब होने के कारण हवा भी प्रदूषित हो चली है। वाराणसी में बुधवार को दोपहर का AQI 157 अंक रिकॉर्ड किया गया। जबकि मलदहिया सबसे प्रदूषित इलाकों में रहा। यहां की AQI 165 अंक रिकॉर्ड की गई। बीएचयू की AQIAQI 155 अंक तक दर्ज की गई।
