Pitru Paksh: पितृपक्ष के सातवें दिन गुरुवार को मृतक लोगों के परिजनों ने गंगा घाटों पर अपने पितरों का तर्पण किया। इस दौरान सुबह से ही पिशाचमोचन समेत गंगा घाटों पर लोगों की भीड़ एकत्रित रही। लोगों ने गंगा घाट पर अपने पितरों को जल देकर पुरोहितों, पंडितों के माध्यम से पूजन अर्चन कर घरों में सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान लोगों ने दान पुण्य भी किया।
सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष (Pitru Paksh) के सप्तमी तिथि को इस पूजन करने से जहां पितृ खुश होते हैं, वहीं घर-परिवार में भी सुख शांति बनी रहती है। सप्तमी तिथि के अवसर पर भारी संख्या में सुबह से ही गंगा घाटों पर मौजूद रहे।

Pitru Paksh: सप्तमी पर पितरों की पूजा का विशेष महत्व
दशाश्वमेध घाट पर तर्पण करा रहे पुरोहित वासुदेव महाराज ने बताया कि यह पितरों का महीना चल रहा है। इसमें विधि विधान से पितरों की पूजा की जाती है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए पिंडदान किया जाता है। इसमें पितरों को लौंग, धूप, कपूर, पेड़ा नहीं चढ़ाया जाता है। इस पूजा में पितरों को केवल पिंड दान किया जाता है। सनातन धर्म में अश्विनी कृष्ण पक्ष से अमावस्या तक पितरों का दिन ‘पितृपक्ष’ होता है।