Viral Fever: वाराणसी में वायरल बुखार, डेंगू व चिकनगुनिया के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों के ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक लाइन लगी हुई है। कई अस्पतालों में खाली पड़े जगह पर भी बेड लगाकर उन्हें वार्ड का रूप दे दिया गया है। हालत यह है कि अब बुखार आने पर लोग सोच रहे हैं कि वे किस हॉस्पिटल का रुख करें।

पूर्वाचल के एम्स कहे जाने वाले सर सुंदरलाल अस्पताल, जिला अस्पताल, मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन 1500-2000 की संख्या में मरीज आ रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वाराणसी में इस समय मात्र 200 के आसपास डेंगू के मरीजों की संख्या है। हालांकि ये आंकड़े केवल सरकारी अस्पतालों के हैं, जो मरीज यहां भर्ती हैं। जनपद में प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़े अभी तक स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में ही नहीं है।

Viral Fever: अस्पतालों में प्रतिदिन 1500-1700 मरीजों की लग रही भीड़
एक महीने से वाराणसी में जिस तरह मरीज मिल रहे हैं, उनमें मरीजों की संख्या ज्यादा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 1500-1700 तो, मंडलीय अस्पताल में भी 1500 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। सभी को बस एक ही समस्या है। बुखार [Fever] और जोड़ों में दर्द। वहीँ शहर के प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की भरमार है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन आईएमए ब्लड बैंक में 50 से अधिक लोग प्राइवेट अस्पतालों का लेटर हेड लेकर प्लेटलेट्स और ब्लड लेने पहुंच रहे हैं। प्राइवेट लैब्स में भी जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के ओर से सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है।
चितईपुर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल के स्टाफ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्पताल में मरीजों की भरमार है। यहां डेंगू के काफी मरीज भर्ती हैं। वार्ड से लेकर लैब्स तक मरीजों की लाइन लगी हुई है। बुखार [Fever] कम करने के लिए मरीजों को महंगे इंजेक्शन वगैरह दिए जा रहे हैं।

इस बाबत वाराणसी के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० संदीप चौधरी ने बताया कि डेंगू, वायरल फीवर [Fever] के भर्ती मरीजों के साथ ही बुखार से होने वाले मौतों की जानकारी प्राइवेट अस्पतालों से मांगी गई है। ऐसे में कितने मरीजों की मौत बुखार से हुई और कितने भर्ती हैं, अस्पतालों के ओर से इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। डाटा उपलब्ध न करा पाने वाले सभी अस्पतालों को नोटिस जारी किया जाएगा।