वाराणसी। हर वर्ष की तरह इस वर्ष की भी धन-धान्य की देवी मां अन्नपूर्णा {Annapurna Mata Temple} धनतेरस से भक्तों पर ख़ज़ाना लुटायेंगी। स्वर्णमयी प्रतिमा का दर्शन धनतेरस के अवसर पर आगामी 10 नवंबर से शुरू होगा, जो 14 नवंबर अन्नकूट पर्व तक चलेगा।
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महंत शंकरपुरी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि धनतेरस 10 नवंबर से स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए मां के दरबार खुलेगा। उन्होंने बताया कि भक्त मन्दिर के प्रथम तल पर स्थित माता के दर्शन करेंगे। गेट पर ही माता का खजाना और लावा वितरण भक्तों में किया जाएगा।
10 नवम्बर से 14 नवम्बर तक होंगे माँ के दर्शन
दर्शन के बाद भक्तों को पीछे के रास्ते से राम मंदिर परिसर होते कालिका गली से निकास दिया जाएगा। बताया कि, इस वर्ष 10 नवम्बर से 14 नवम्बर तक धनतेरस, दीपावली,एवं अन्नकूट के उपलक्ष्य में स्वर्णमयी माँ अन्नपूर्णा का दर्शन होगा। धनतेरस पर भोर में स्वर्णमयी प्रतिमा और ख़ज़ाना का आरती-पूजन करने के बाद प्रातः 5 बजे भक्तों के दर्शन के लिए माता {Annapurna Mata Temple} का पट खोल दिया जायेगा। जबकि 11 नवम्बर शनिवार से 14 नवम्बर मंगलवार तक प्रातः 4 बजे से रात्रि 11 बजे तक दर्शन होंगे।

इस वर्ष पांच दिन होंगे माता अन्नपूर्णा {Annapurna Mata Temple} के दर्शन
महंत शंकर पुरी ने बताया कि, तिथियों के हेरफेर के कारण स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के पांच दिनों तक दर्शन मिलेंगे। इससे पहले तीन से चार दिन ही स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन होते थे। बताया कि, इस बार धनतेरस की शुरुआत 10 नवंबर से हो रही है। 11 नवंबर को छोटी दीपावली है। 12 नवंबर को दीपावली और 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या है। 14 नवंबर को अन्नकूट की झांकी सजाई जाएगी। धनतेरस से स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के विग्रह के दर्शन शुरू होंगे, जो 14 नवंबर तक चलते रहेंगे। अन्नकूट की झांकी के बाद मध्य रात्रि में दर्शन पूजन अगले साल तक के लिए बंद हो जाएगा।

पुलिस के साथ वालेंटियर सम्भालेंगे कमान
मंदिर प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि, सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर {Annapurna Mata Temple} में जगह-जगह वालेंटियर तैनात किए जाएंगे। परिसर में दो दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। मेडिकल की व्यवस्था की भी रहेगी। वृद्ध और दिव्यांगों के लिए दर्शन की सुगम व्यवस्था रहेगी। मन्दिर परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालु पहले के जैसे ही गेट न. 01 से आ सकेंगे। पूर्व की व्यवस्था में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। श्रद्धालुओं के सहयोग और सुरक्षा के लिए पहले की ही तरह पुलिस और प्रशासन इस बार भी मुस्तैद रहेगा।

एकमात्र ऐसा मंदिर जहाँ तीनों देवियां एक साथ विराजमान है
विश्व के एकमात्र मंदिर अन्नपूर्णा मठ मंदिर {Annapurna Mata Temple} विश्वनाथ गली में विराजमान भूदेवी, माता अन्नपूर्णा और लक्ष्मी देवी की सोने की प्रतिमाओं के साथ-साथ बाबा भोलेनाथ की चांदी की मूर्ति जो भिक्षा मांगते हुए विराजमान है। महंत शंकरपुरी ने बताया कि यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां तीनों देवियां एक साथ विराजमान है और यह काशी का गौरव है, काशी की गरिमा है, काशी की शान है। जो विश्व सांस्कृतिक पटल पर एक पवित्र स्थान के रूप में जानी जाती है।
अन्नकूट के दिन माता को लगाया जाता है 56 भोग
प्रत्येक वर्ष के कार्यक्रम के अनुसार प्रथम दिन धनतेरस से दीपावली तक भक्तों को लावा और सिक्का प्रसाद स्वरूप दिया जाता रहा है और दिया जाएगा। इसके बाद अन्नकूट के दिन माता {Annapurna Mata Temple} को 56 भोग अर्पित किया जाएगा जिसका महाप्रसाद मंदिर परिसर में आने वाले हर भक्त को भंडारे के रूप में वितरित होगा।