Maa Annapurna: स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा का दर्शन के लिए शनिवार को दूसरे दिन मंदिर परिसर में भारी भीड़ उमड़ी रही। मंदिर परिसर से लेकर बाहर सड़क तक भक्तों की कतारें लगी रही। सड़क पर लगायी गई बैरिकेडिंग पूरी तरह से भरी थी। अस्थायी सीढ़ी से होते हुए श्रद्धालु मां की स्वर्णिम प्रतिमा के सामने पहुंचे भक्तों को मां की एक झलक मिलते ही ऐसा लगा कि मानों सब कुछ मिल गया। भक्तों ने माता से सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा।
महादेव की नगरी काशी में गौरी रूप में माता अन्नपूर्णा [Maa Annapurna] विराजमान हैं। काशी में भारत का एकमात्र अन्नपूर्णा मंदिर है जहां स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा विराजमान हैं और इसी स्वरूप में दर्शन देती हैं। कहते है कि मां अन्नपूर्णा के समक्ष स्वयं भगवान शिव ने झोली फैलायी थी। इस वर्ष भक्तों को पांच दिन का दर्शन मिल रहा है। जहा देश के कोने कोने से भक्त अपने भाव के साथ मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित मां अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा का दर्शन पा रहे हैं।

अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी ने कहा कि मां अन्नपूर्णा [Maa Annapurna] सभी की मनोकामना पूरी करती हैं। स्वर्णमयी दर्शन के दूसरे दिन शनिवार को मां का सविधि पूजन कर भोर में आम भक्तों के लिए चार बजे पट खोल दिया गया। भक्तों की कतार गोदौलिया तक पहुंच गई थी। भक्त कतारबद्ध होकर माता का जयकारा करते दर्शन कर बाहर निकलते रहे।

दक्षिण भारत से भी Maa Annapurna के दर्शन को पहुंचे भक्त
इस दौरान काशी में भारी संख्या में दक्षिण भारतीय भक्त पहुंचे। दक्षिण भारत से आये श्रद्धालुओं ने मां अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा का दर्शन किया। सभी कतार में लग कर देवी अन्नपूर्णा का दर्शन कर भाव विभोर रहे। सुरक्षाकर्मी और मंदिर के सेवादार आने वाले भक्तों को सुगम दर्शन कराने में लगे रहे। कंट्रोल रुम में लगे कैमरे पर मंदिर प्रबंधक लगातार नजर बनाए हुए थे। शुक्रवार से पंच दिवसीय दर्शन-पूजन की शुरूआत हो गई।