Christmas Special : धर्म की नगरी कहलाने वाली काशी में इस वक्त क्रिसमस को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। क्रिसमस {Christmas Special} की तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं। वहीं वाराणसी के कैन्टोमेंट स्थित 18वीं शताब्दी में निर्मित सेंट मेरीज चर्च {Christmas Special} बनारस ही नहीं बल्कि उत्तर भारत का संभवत: सबसे पुराना प्रोटेस्टेंट चर्च है। बनारस के इस सबसे पुराने चर्च में गंगा-जमुनी की तहजीब अलग तरह से ही नजर आती है।

चर्च की दीवारों पर जहाँ एक तरफ चर्च में ईसा मसीह के संदेश लिखे गये हैं वहीं भगवत गीता के भी शोल्क यहाँ की दीवारों पर उकेरे नजर आते हैं। चलिए आपको बताते हैं बनारस के इस सबसे बड़े और पुराने चर्च के बारे में विस्तार से…
चर्च की दीवारों पर लिखे हैं गीता के श्लोक
सैकड़ों साल पहले बने कैंटोमेंट के सेंट मेरीज महागिरजाघर {Christmas Special} की दीवारों पर गीता के श्लोक लिखे हैं। चर्च की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी बाहरी दीवारों पर ईसा मसीह के संदेश लिखे हैं तो भीतरी दीवार पर गीता के श्लोक सर्वधर्म समभाव को दर्शाते हैं। इसमें भागवत गीता और बाइबिल के वाक्य हिंदी और संस्कृत दोनों भाषाओं में स्वर्णीय अक्षरों में लिखे हुए हैं।

शहादत और शांति का प्रतिक है यह सेंट मेरीज चर्च
बात अगर चर्च के रंग रूप और बनावट की करें तो आजादी के पहले छावनी स्थित लाल गिरजाघर में अंग्रेज सैनिक आराधना करते थे। उस समय भी इस गिरजाघर का रंग लाल था। आज भी इस गिरजाघर का लाल रंग और स्वरूप बरकरार है। चर्च का लाल रंग ईसामसीह की शहादत का प्रतीक है, वहीं श्वेत रंग शांति का। इसी रंग ने गिरजाघर को खूबसूरती प्रदान की है।

Christmas Special : भारतीय वास्तुकला पर आधारित अष्टकोणीय है यह गिरजाघर
चलिए अब बताते हैं आपको इस गिरजाघर की वास्तुकला जो कि भारतीय वास्तुकला पर आधारित है और बहुत ही खूबसूरत है। यह आकर्षक गिरजाघर {Christmas Special} अष्टकोणीय है, जो भारतीय वास्तुकला पर बनाया गया है, जो सभी दिशाओं से देखने में एक जैसा ही लगता है।

बताते चलें कि इस चर्च की खिड़कियों के बाहरी हिस्सों में लोहे के टुकड़ों से बनी खूबसूरत कलाकृतियाँ हैं भारतीय कला शैली में ईशा के जीवन की मुख्य-मुख्य घटनाओं का चित्रिकरण किया गया है। इन तस्वीरों के नीचे इन घटनाओं के बारे में दो पंक्तियों में दोहे लिखे हुए हैं।
वाराणसी का रोमन कैथोलिक सूबा उत्तरी भारत के विशाल राज्य उत्तर प्रदेश के आगरा के चर्च प्रांत में एक लैटिन मताधिकार सूबा है। इसका कैथेड्रल एपिस्कोपल दृश्य वाराणसी शहर में सेंट मैरी कैथेड्रल है।