Ramotsav 2024: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूरी हो चुकी है। धर्म की नगरी काशी भी इस अनोखे पल की साक्षी बनेगी। जब हिन्दुओं का 500 वर्षों का सपना साकार होगा और अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजेंगे। इस अनोखे पल पर देश व दुनिया की नजरें बनी हुई हैं।
वहीं काशी में भी इसके लिए तैयारियां तेज हैं। अब इस अद्भुत पल में काशी के संगीत घराने [Ramotsav 2024] को भी तवज्जो दिया जा रहा है। 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में बनारस घराने के शहनाई पुरोधा दुर्गा प्रसन्ना को आमंत्रित किया गया है। दुर्गा को यह आमंत्रण उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज द्वारा फ़ोन के जरिए दी गई। बताया जा रहा है कि दुर्गा प्रसन्ना का परिवार पीढ़ियों से शहनाई विधा में अपनी छाप छोड़ रहा है।
काशी संगीत घराने के शहनाई पुरोधा खजरान शास्त्री के पौत्र और सहतीराम शास्त्री के पुत्र दुर्गा प्रसन्ना ने कहा कि ‘उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज से कल फोन आया और बताया गया कि आप को श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा में शहनाई वादन करना है। इस संबंध में अभी कोई लिखित आमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन इस आमंत्रण के बाद रोम-रोम पुलकित हो उठा है। श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचना ही बहुत बड़ी बात है और उनके 500 वर्षों के वनवास के बाद मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समय मंगलध्वनि बजाना सुखद अनुभूति होगी।

Ramotsav 2024: 7 साल की उम्र से छेड़ रहे शहनाई का सुर
शहनाई वादक दुर्गा प्रसन्ना ने बताया कि उनके दादा खजरान शास्त्री और पिता सहतीराम प्रसन्ना भी शहनाई वादक थे और शहनाई का ये हुनर उन्होंने हमें भी दिया। 7 साल की उम्र से दुर्गा शहनाई पर राग छेड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिता ने हमें शुरू से ही शहनाई में फूंक मारने और राग की ट्रेनिंग दी जिसे हमने जवानी तक आते-आते पूर्ण रूप से आत्मसात कर लिया और शहनाई वादन के लिए पूरे भारत सहित पूरे विश्व में जा चुके हैं।
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संगीत में सबसे कठिन साज है शहनाई
जब दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना से पूछा गया कि शहनाई के उस्ताद भारत रत्न बिस्मल्लाह खां के जाने के बाद क्या शहनाई गुम हो गई है तो उन्होंने इसे सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि संगीत में सबसे कठिन साज शहनाई है। यह बैलेंसिंग, फूंक और पत्ती पर डिपेंड करता है। इसलिए इसे ज्यादा लोग नहीं अपना रहे हैं, लेकिन जो पुराण शहनाई वादक है उनके घर के लोग शहनाई पर महारथ हासिल कर रहे हैं।