Abu Saleh Arrested: एटीएस उत्तर प्रदेश की टीम ने एनजीओ के नाम पर विदेशों से 58 करोड़ रुपए ऐंठने वाले अबू सालेह मंडल को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अबू सालेह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में घुसपैठियों की एंट्री कराता है और उन्हें आर्थिक रूप से सहयोग देकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम देता है। उस पर एटीएस ने 50 हजार रुपए का ईनाम रखा था। एटीएस अब उसके खिलाफ धारा 120बी, 419, 420, 467, 468, 471, 370 भा. द. वी.,धारा 14 विदेशी अधिनियम 1946 व धारा 12 (1), 12 (2) पासपोर्ट अधिनियम 1967 में कार्यवाही कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, अबू सालेह [Abu Saleh] अपना पूरा सिंडिकेट चलाता है और वह उसका सरगना है। उसके गिरोह में बांग्लादेश का रहने वाला अदिलुर रहमान, पश्चिम बंगाल का रहने वाला अबु हुरैरा, पश्चिम बंगाल का ही रहने वाला शेख नजीबुल हक, बांग्लादेश की रहने वाली तानिया मंडल, बांग्लादेश के इब्राहिम खान और आसाम के रहने वाले मोहम्मद अब्दुल को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
50 हजार का इनामिया अबू सालेह [Abu Saleh] मंडल पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। उसे एटीएस ने रविवार को लखनऊ से लगभग एक लाख 17 हजार रुपए नकद, अलग-अलग जन्मतिथि वाले खुद के दो फर्जी आधार कार्ड व 2 अदद मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया।
Abu Saleh ने ट्रस्ट के जरिए मंगाए पैसे
अबू सालेह ने एटीएस की पूछताछ में बताया कि वह हरोआ-अल जमियातुल इस्लामिया दारूल उलूम मदरसा एवं कबीरबाग मिल्लत एकेडमी के नाम के ट्रस्टों का संचालक है। इन ट्रस्टों के खातों में विदेशों से भारी मात्रा में वर्ष 2018 से 2022 तक लगभग 58 करोड़ की फंडिंग प्राप्त हुई है। उसका अम्मा वेलफेयर ट्रस्ट से भी सम्बंध रहा है।
वह अब्दुला गाजी नामक व्यक्ति के साथ मिलकर एक गाजी फूड्स सप्लाई एवं गाजी मैसनरीज नाम से फर्जी फर्म बनाकर भी बिलिंग करता रहा है। इससे कैश का उपयोग अपने सिंडिकेट के माध्यम से अवैध रूप से रोहिंग्याओं एवं बांग्लादेशियों की भारत में घुसपैठ कराने, उनकी आर्थिक सहायता करने, फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाने एवं हवाला के माध्यम से उस पैसे को भारत के विभिन्न राज्यों में भेज कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में प्रयोग किया जाता है।