वाराणसी। शहर में यातायात व्यवस्था को सुधारने हेतु कई प्लान बनाए जा रहे हैं। बावजूद इसके आए दिन सड़कों पर किसी न किसी कारणवश जाम लगा ही रहता है। जिससे पब्लिक को दो-चार होना पड़ता है। सड़कों पर लगने वाला जाम आए दिन परेशानियों का सबब बनता रहता है।
वाराणसी में पहले से ही डगमगाती यातायात व्यवस्था और भी ज्यादा ख़राब तब हो गई, जब सोमवार को बच्चों के स्कूल खुले। लगातार 20 दिनों से बंद चल रहे स्कूलों के कारण ट्रैफिक व्यवस्था को थोड़ा सा बल मिला था। लेकिन सोमवार को स्कूल फिर से खुलने लगे, जिसके चलते बसों ने पूरे रोड को कवर कर लिया और जाम लगना शूरू हो गया। जाम छुड़ाने में अधिकारियों के पसीने छूटने लगे। ट्रैफिक व्यवस्था फिर से पटरी पर आ गई।

इन मार्गों पर लगा जाम
स्कूल आने जाने वाली गाड़ियों से शहर के विभिन्न मार्गों पर जाम लगने लगा। सुंदरपुर, बरेका, ककरमत्ता, महमूरगंज फ्लाईओवर, राजघाट, मैदागिन, विशेश्वरगंज, सोनारपुरा, लंका आदि क्षेत्रों में लोगों को जाम से जूझना पड़ा। वरुणा पार क्षेत्रों में भी लगभग यही स्थिति रही। स्कूलों के खुलने से पहले भी यातायात ओर दबाव था, लेकिन स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में थी।
20 दिनों बाद खुले स्कूल
शीतलहर के मद्देनजर बच्चों के स्कूल लगभग 20 दिनों तक बंद रहे। शासन के आदेश पर सोमवार को सभी स्कूल फिर से खुलने लगे। जिसके बाद यातायात पर दबाव बढ़ गया। गाड़ियों की संख्या बढ़ने से जाम लोगों की परेशानी का सबब बन गया। जाम के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में समस्या हुई। कई लोग तो अपने वाहनों को स्टैंड में खड़ा करके पैदल ही अपने गंतव्य को रवाना हुए।