Lawyers Demonstration : कचहरी के अधिवाकातों में शुक्रवार को रोश नजर आया। ये विरोध उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के पंजीयन और रजिस्ट्री मिनिस्टर के आदेश के विरोध में जताया। शहर के सभी इलाकों की रजिस्ट्री कचहरी में ही कराने की मांग को लेकर वाराणसी कचहरी के अधिवक्ता लामबंद हुए। कचहरी परिसर स्थित रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर सभी वकीलों ने जोरदार प्रदर्शन [Lawyers Demonstration] किया। रजिस्ट्री कार्यालय पर ताला लगाकर और कार्य का बहिष्कार करते हुए अधिवक्तागण धरनारत हुए है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि यदि उनकी मांग पूरी नही की जाती है तो वह आमरण अनशन करेंगे।

अधिवक्ताओं का यह प्रदर्शन [Lawyers Demonstration] रजिस्ट्रार द्वितीय और चतुर्थ के सीमा क्षेत्र में बदलाव को लेकर चल रहा क्योंकि इस नियम के तहत अब वहां की जनता को कचहरी नही आना होगा। वाराणसी के वकीलों का मानना है कि इस प्रकार का आदेश अधिवक्ता विरोधी और जनविरोधी है। इसी से नाराज होकर वकीलों में आक्रोश है। धरनारत वकीलों ने रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर जमकर विरोध जताया और नारेबाजी भी की।
Lawyers Demonstration : 27 फरवरी को आया था आदेश
इसके बारे में बताते हुए सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुरलीधर सिंह ने कहा कि 27 फरवरी को एक शासनादेश आया कि कुछ मोहोल्ले की रजिस्ट्री उसके मुद्रण की तिथि से रामनगर में होगी। इसके चलते सिर्फ अधिवक्ताओ को ही नहीं बल्कि जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। अधिवक्ता कचहरी में ही सभी काम को करके रजिस्ट्री बनवाता है, लेकिन इस तरह के आदेश अधिवक्ता ही नहीं बल्कि जनविरोधी भी है। इसीलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि इस आदेश [Lawyers Demonstration] को वापस लिया जाए। आज इसके विरोध में हम सभी अधिवक्तागण कार्य बहिष्कार करके धरने पर बैठे हैं और जब तक आदेश वापस नही लिया जाएगा हम धरनारत ही रहेंगे।
मांग ना पूरी होने पर करेंगे आमरण अनशन
वहीं धरनारत बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह का कहना रहा कि इस प्रकार के शासनादेश के बाद वाराणसी में भेलूपुर से लगायत मौजो की रजिस्ट्री अब रामनगर में होगी। इसके विरोध में हम घरना पर बैठे हैं। उन्होंने बताया कि 1 हफ्ते तक हमारा यह धरना [Lawyers Demonstration] चलेगा और 5 दिन अनशन करेंगे। वहीं बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसके बाद भी हमारी मांग पूरी नही होगी। तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे।
बताते चलें कि रजिस्ट्रार द्वितीय के 21 और चतुर्थ सीमा एक मोहल्ला नगवां में बदलाव किया गया है। साथ ही शहर के 22 मोहल्लों के रहने वाले लोगों को रजिस्ट्री के लिए अब रामनगर जाना होगा। इन इलाकों की जमीन सहित अन्य दस्तावेजों का पंजीकरण अब रामनगर में होगा। इसी के चलते शासनादेश के विरोध [Lawyers Demonstration] में लामबंद वकील हुए हैं। सभी इलाकों की रजिस्ट्री वाराणसी के अधिवक्ता पहले के जैसे कचहरी में ही कराने की मांग कर रहे हैं।