- विभिन्न विभागों में निवेश को प्रोत्साहन के लिए हुए आयोजन में उद्यमियों ने दिलाया ध्यान
- जनपद में आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर देंने पर ही सरकार के लक्ष्य से अधिक इन्वेस्टमेंट है संभव
- परियोजनाओं का नक्शा पास कराना है टेढ़ी खीर, शहर के बाहरी हिस्से का विकास जरूरी
- ढुलमुल ट्रैफिक व्यवस्था में सख्ती आवश्यक, लचर ट्रांसपोर्ट नीति को बनाना होगा बेहतर
वाराणसी। जनपद में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जब अधिक से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराएंगे तभी सरकार ने इन्वेस्टमेंट का जितना भी लक्ष्य तय सोचा है उससे कहीं अधिक निवेश होगा। रिंग रोड, बाईपास, फोर लेन तो बना दिया लेकिन मौके पर नाली, सीवर, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं भी मुहैया करानी होंगी। इलेक्ट्रिक फीडर के लिए सुविधाओं का अभाव है। शहर के बाहरी हिस्से का विकास आवश्यक है। परियोजनाओं का नक्शा पास कराने की प्रक्रिया का सरलीकरण जरूरी है। जब तक हाई फ्लड लेवल को लेकर लगाए गये प्रतिबंध खत्म नहीं किये जाएंगे जबतक उद्योगों में निवेश प्रभावित होता रहेगा। धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माणों का यदि सकारात्मक समाधान नहीं किया गया तो समस्या बढ़ेगी। ढुलमुल यातायात व्यवस्था को खत्म करने के लिए सख्त रवैया अपनाना जरूरी है। लचर ट्रांसपोर्ट नीति को बेहतर बनाना होगा। मास्टर प्लान को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।
लखनऊ में आगामी दस फरवरी से प्रस्तावित तीन दिनी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के क्रम में शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में शुक्रवार को आयोजित जनपद स्तरीय वाराणसी इन्वेस्टर्स समिट में उद्यमियों व संबंधित क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों ने मौजूद मंत्रियों और अफसरों से यह कहा। लघु उद्योग भारती के संयोजन में हुए इस आयोजन में पर्यटन तथा वीडीए आदि ने उद्योगों में निवेश कराने के उद्देश्य से पीपीटी के जरिये भविष्य के विकास कार्यों का खाका पेश किया। यूपी टूरिज्म की उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने पर्यटन नीति-2022 के तहत बताया कि इको टूरिज्म बोर्ड गठित हो चुकी है। रूरल टूरिज्म के डेढ़ दर्जन क्षेत्र चिह्नित हुए हैं। पीपीपी मॉडल पर हेली पोर्ट्स संचालित होंगे। पर्यटन में 20 हजार करोड़ रुपये निवेश का टार्गेट है। सूबे में कई थिमैटिक सेक्टर तय किये गये हैं। लैंड बैंक बन रहा है।

वीडीए के जेई मनोज ने बढ़ती आबादी को देखते हुए किये जा रहे कई पहल समेत सन 2041 तक का सिटी डेवलपमेंट प्लान कीजानकारी देते हुए बताया कि पड़ाव-रामनगर में न्यू लिंक रोड से एचएफएल हट जाएगा। इस मौके पर उद्यमियों ने सर्वाधिक समस्या परियोजनाओं के नक्शा पास करने में आ रही समस्याओं की ओर ध्यान दिलाते हुए आगाह किया कि यदि शहर के बारही क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर जेवलप नहीं किया गया तो उद्यमियों का निवेश बेकार चला जाएगा। उन्होंने एक ऐसा फोरम गठित करने की मांग रखी जहां समस्याओं का समाधान संभव हो।
इस पर डीएम एस. राजलिंगम ने भरोसा दिलाया कि उद्यमियों की समस्याओं को न सिर्फ सक्षम फोरम के सामने रखेंगे बल्कि एक ऐसे फोरम की जरूरत है जहां अफसर और उद्यमी आमने-सामने बैठकर बातचीत के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकाल सकें। उन्होंने आश्वस्त किया कि वाराणसी में क्षमता और संभावनाएं हैं, उसे निवेशकों को सुविधाजनक ढंग से उपलब्ध कराने का प्रयास हो रहा है।
इनकी रही प्रमुख उपस्थिति
समिट में सूबे के मंत्री अनिल राजभर एवं डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ आदि सहित जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक सौरभ श्रीवास्तव और त्रिभुवन राम, भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, वीडीए उपाध्यक्ष अ•िाषेक गोयल, सीडीओ हिमांशु नागपाल, संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह, अशोक कुमार गुप्ता, अनुज डिडवानिया, राजीव सिंह, आरसी जैन, अंबुज गुप्ता, अरुण अग्रवाल, दीपक बहल, आकाशदीप, प्रशांत गुप्ता, अमिताभ सिंह, रंजना अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, राजेश भाटिया, अमिताभ सिंह, वीरेंद्र जायसवाल एवं आरके चौधरी आदि की प्रमुख उपस्थिति रही।
निवेश के लिए अबतक किस विभाग से हुए कितने समझौते
1- पशुपालन के 4 : 13 करोड़ रुपये
2- ऊर्जा के 2 : 22800 करोड़ रुपये
3- दुग्ध विकास के 4 : 85 करोड़ रुपये
4- उद्यान के 9 : 209.02 करोड़ रुपये
5- पर्यटन के 42 : 11576.06करोड़ रुपये
6- आवास के 17 : 3028.16 करोड़ रुपये
7- स्वास्थ्य सेवा के 4 : 959.84 करोड़ रुपये
8- अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के 3 : 205 करोड़ रुपये
9- आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के 1 : 10 करोड़ रुपये
10- हैंडलूम एवं टेक्सटाइल के 8 : 178.75 करोड़ रुपये
11- संसाधन एवं औद्योगिक विकास के 1 : 900 करोड़ रुपये
12- यूपी एक्सप्रेसवेज़ इंडस्ट्रियल अथॉरिटी के 1 : 5 करोड़ रुपये
13- खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के 2 : 109.26 करोड़ रुपये
14- एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन के 189 : 3826.74 करोड़ रुपये
15- यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के 5 : 2096 करोड़ रुपये
इन्वेस्टमेंट के लिए अबतक प्राप्त आवेदन
पशुपालन के 4, दुद्घ विकास के 5, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के 3, ऊर्जा के 2, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन के 193, कौशल विकास के 2, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के 2, हैंडलूम एवं टेक्सटाइल के 25, उच्च शिक्षा के 2, उद्यान के 10, आवास के 11, संसाधन एवं औद्योगिक विकास के 4, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के 2, स्वास्थ्य सेवा के 4, पर्यटन के 42, परिवहन का 1, शहरी विकास का 1, यूपी एक्सप्रेसवेज़ इंडस्ट्रियल अथॉरिटी का 1, यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के 5 : 2096 करोड़ रुपये
46 हजार करोड़ निवेश को 292 एमओयू : उमेश सिंह
संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह ने बताया कि जनपद के 15 विभागों की ओर से 327 निवेश प्रस्तावों में शामिल 47 हजार 705 करोड़ रुपये की पूंजी इन्वेस्ट के प्रपोजल्स के सापेक्ष अबतक 46 हजार एक करोड़ रुपये निवेश के लिए 292 एमओयू हो चुके हैं। उनमें से एमएसएमई विभाग में 193 निवेशकों ने तीन हजार 848 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करने का प्रस्ताव दिया है। कार्यक्रम में सात उद्यमियों को उनकी कंपनियों से हुए एमओयू के सर्टिफिकेट सौंपे गये। उनमें नितेश बहल (120 करोड़ रुपये), सौरभ जैन (17 करोड़), ज्योति शंकर मिश्र (10 करोड़), दिनेश कुमार मौर्य (40 करोड़), अरुण अग्रवाल (1084 करोड़), आकाश तिवारी (40 करोड़) एवं राजेश भाटिया (50 करोड़) शामिल रहे।
सरकार करेगी समस्याओं का समाधान : सौरभ
समिट में विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने संकेतों में कहा कि ऐसी सरकारों के दिन गये जो प्रदेश में अपहरण और वसूली उद्योग चलाती थी। अब भाजपा का शासन है और इस सरकार ने काम का माहौल दिया है। यूपी अपराध मुक्त हो गया है। किसी भी उद्यमी को रंगदारी के फोन नहीं आ रहे हैं। इस प्रकार के समिट आदि का उद्देश्य है कि राज्य उत्तम प्रदेश बने, सबकों सुविधाएं मिलें। सभी लाभांवित हों। सरकार उद्यमियों की सभी समस्याओं का समाधान करेगी।
काशी में संभावनाएं अपार : त्रिभुवन राम
विधायक त्रिभुवन राम ने कहा कि योगी सरकार वाराणसी के इस प्रकार विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे यहां उद्योग, पर्यटन और निवेश बढ़े। यहां अपार संभावनाएं हैं। सभी की सुविधा के लिए शासन ने सिंगल विंडो सुविधा उपलब्ध करायी है। सूबे के आयुष राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि गंगा के शहर में आज विकास की गंगा बह रही है।