Varanasi: ATM में सेंधमारी कर रुपए ऐंठने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को कैंट थाने की पुलिस व एसओजी ने गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके पास से अलग-अलग बैंकों के कुल 13 ATM कार्ड व धोखाधड़ी में इस्तेमाल किये जा रहे स्वाईप मशीन, 4 मोबाईल फोन, 1 कार व 1110/- रू0 नकद बरामद किया है। पुलिस अब इन तीनों के खिलाफ अग्रिम कार्यवाही में जुटी हुई है।
गिरफ्तार अभियुक्त सुजीत कुमार व अभिषेक कुमार बिहार के गया और गुलशन कुमार बिहार के फतेहपुर के निवासी हैं। पुलिस ने इन्हें मंगलवार की शाम कैंट थाना क्षेत्र के सनबीम वरूणा स्कूल के पास से गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से पुलिस ने कुल 13 अलग-अलग बैंकों के ATM कार्ड, 4 फेवीक्विक, एक फोन-पे बिजनेस ATM स्वाईप मशीन, घटना में प्रयुक्त 4 मोबाईल फोन व एक चार पहिया वाहन तथा अलग-अलग घटनाओं से प्राप्त रूपयों में से खर्च के बाद बचे शेष 1110/- रूपये नकद बरामद किए हैं।
अपराध का तरीका जान रह जाएंगे दंग
एडीसीपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि अभियुक्तगण का ATM धोखाधड़ी का एक गिरोह है, जो मिलकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा आदि राज्यों में विभिन्न शहरों मे रेनॉल्ट ट्यूबर चार पहिया गाड़ी से बैंकों की ATM मशीनों पर साथ मिलकर वारदात को अंजाम देते हैं। एक व्यक्ति ATM के बाहर खड़ा रहता है तथा दो व्यक्ति एटीएम के अन्दर रहते हैं, समयानुसार अगर कोई ग्राहक ATM के बारे में कम जानकारी रहती है, तो उसको अभियुक्तगण सहयोग का बहाना बनाकर धोखाधड़ी से एटीएम कार्ड बदल लेते हैं।
ATM कार्ड बदलकर नहीं कर पाते धोखाधड़ी तो करते हैं यह काम
जब ये लोग ATM कार्ड बदलकर धोखाधड़ी नहीं कर पाते हैं, तो सभी लोग किसी ग्राहक के पैसे निकालने से पहले इन लोगों में से कोई न कोई उसके आगे खड़ा रहता है तथा ग्राहक को बातों में उलझाकर ATM मशीन में कार्ड लगाने वाले स्थान पर कार्ड की मदद से फेवीक्विक लगा देता है। जब ग्राहक ATM मशीन में अपना कार्ड लगाता है और सारी प्रक्रिया पूरी करता है तो पीछे खड़े अभियुक्त द्वारा पिन देख लिया जाता है। उसके बाद आगे बाले व्यक्ति को परेशान करने की नियत से कि हमें भी पैसा निकालना है, जल्दी करो जल्दी करो, ऐसी ही बातें में उलझाकर जल्दी ATM कार्ड निकालने की बात बोली जाती है।
फेविक्विक लगाकर कर देते हैं गेम
जिससे वह ग्राहक एटीएम कार्ड निकालने का प्रयास करता है, किन्तु फेवीक्विक लगा होने के कारण एटीएम कार्ड नहीं निकलता है, तो सभी लोग गार्ड को बुलाने के लिए उस ग्राहक को एटीएम से बाहर भेज देते हैं। तभी मौका देखकर उस एटीएम मशीन में फंसे एटीएम कार्ड को पिलास की मदद से खींचकर बाहर निकाल लेते हैं और फिर उस एटीएम कार्ड को लेकर तुरन्त हट कर किसी दूसरी एटीएम मशीन से उक्त कार्ड का प्रयोग कर पैसा निकाल लेते हैं और आपस में बांट लेते हैं। उसके बाद अभियुक्तगण अपने पास रखी फोन पे मशीन से स्वाईप करके अधिकतम पैसे खाते में ट्रांसफर कर लेते है।
अभियुक्तों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उनके गैंग के सभी लोग साथ मिलकर 3 वर्षों से अलग-अलग राज्यों में उक्त एटीएम काडों की धोखाधड़ी करते हुए ऐशो-आराम की जिन्दगी जीते हुए जीवन यापन कर रहे हैं। इसी क्रम में ये सभी लोग ट्यूबर कार से बनारस आये थे, इसी दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बताया कि अभी तक अलग-अलग राज्यों में किए अपराधों से जो भी पैसा आया, सब आपस में बांट लिया गया। उसमें से इन लोगों ने मौज-मस्ती की जिन्दगी जीने तथा खाने-पीने मे खर्च कर दिया।
Highlights
आरोपीयों ने बताया कि बनारस में इन लोगों ने जनवरी में कचहरी के पास एसबीआई बैंक के बाहर लगे ATM से भी इसी तरह एटीएम पर फेवीक्विक लगाकर एटीएम कार्ड चुराकर रुपयों की चोरी किये हैं। इन लोगों ने तीन दिन पहले भी भोजूबीर चौराहे के पास से एक्सिस बैंक के एटीएम से एक लड़की से धोखे से ATM मशीन के अन्दर फेविक्विक से एटीएम चिपका कर पेड़ों की धोखाधड़ी की। इस दौरान उन्होंने ATM का पिन देखकर दूसरे एटीएम से 23500/- रूपये निकाल लिए और आपस में बाँट कर खाने-पीने और मौज-मस्ती में खर्च कर दिए।