आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित (Acharya Laxmikant Dixit) का आज शनिवार को निधन हो गया। ये वही लक्ष्मीकांत दीक्षित हैं जिन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराइ थी और खुद पीएम मोदी ने रक्षासूत्र बंधवाकर उनके पैर छुए थे। अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित ने 84 वर्ष में जिन्दगी को अलविदा कह दिया। वह लम्बे समय से गंभीर बीमारी से ग्रसित चल रहे थे। उनका दाह संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया गया।

पीएम मोदी ने छुए थे Acharya Laxmikant Dixit के पैर
बताते चलें कि आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रमुख पुजारी के रूप में चयन किया गया था। लक्ष्मीकांत दीक्षित (Acharya Laxmikant Dixit) की अध्यक्षता में 121 पंडितों की टीम ने अयोध्या अनुष्ठान किया था। इसमें काशी के 40 से अधिक विद्वान थे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मुख्य पुजारी और आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने पीएम नरेंद्र मोदी को रक्षासूत्र बांधा था। पीएम ने लक्ष्मीकांत दीक्षित का पैर छूकर आशीर्वाद लिया था।


अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के प्रधान अर्चक के तौर पर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल लक्ष्मीकांत दीक्षित का परिवार कई पीढ़ियों से काशी में रहता आया है। शुक्ल यजुर्वेद के शीर्ष विद्वान वेदमूर्ति लक्ष्मीकान्त मथुरानाथ दीक्षित का जन्म सन 1942 में मुरादाबाद (यूपी) में हुआ था। लक्ष्मीकांत दीक्षित (Acharya Laxmikant Dixit) पूजा पद्धति में सिद्धहस्त और वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रहे थे। मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रहे लक्ष्मीकांत दीक्षित वाराणसी के विद्वानों में गिने जाते थे।


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