Kashi Vishwanath: एक ओर जहां सावन के माह में काशी विश्वनाथ मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। वहीं दूसरी ओर काशी विश्वनाथ मंदिर की फर्जी वेबसाइट बनाकर श्रद्धालुओं से ठगी का मामला सामने आया है। मंदिर न्यास के CEO ने इसकी शिकायत DGP से की है। वहीं पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट को लगाया है।
साइबर गिरोह के लोगों ने भक्तों से दर्शन, आरती व रुद्राभिषेक के नाम पर 10 लाख रुपए ठग लिए। इसका खुलासा तब हुआ, जब श्रद्धालुओं ने मंदिर से संपर्क किया। खबर सामने आते ही मंदिर प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
पुलिस के मुताबिक, सावन में देश-विदेश से भक्त दर्शन के लिए काशी विश्वनाथ पहुंचते हैं। साइबर अपराधियों ने काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath) के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग शुरू कर दी। इसमें दर्शन, पूजन, रुद्राभिषेक समेत आरती की बुकिंग की गई। अभी मंदिर की ओरिजिनल वेबसाइट साइट पर अभी सावन के चलते सभी तरह की बुकिंग बंद है।
ठगों ने फर्जी वेबसाइट को इतने तरीके से बनाया कि श्रद्धालुओं को पता ही नहीं चलता है। वेबसाइट पर आने वालों पर सीधे संपर्क का ऑप्शन दिया है। फर्जी वेबसाइट पर श्रद्धालु के लॉगिन करने के बाद उसका नंबर लेकर सीधे खाते में रुपए ले लिए। साइबर अपराधी लिंक पर आते ही नया एप भी अपलोड करवा रहे हैं।
Kashi Vishwanath: पंडित जी के नंबर पर मंगवाते थे ऑनलाइन दक्षिणा
इसके अलावा फर्जी वेबसाइट पर क्लिक करते ही होम पेज खुलकर आएगा। यहां पूजा बुकिंग पर क्लिक करते ही लोकल पंडित जी से संपर्क करने के लिए लिखा। साथ ही 2 मोबाइल नंबर 091-09335471019/ 09198302474 भी दिए गए हैं। ठग पंडित जी के नंबर से ही ऑनलाइन पैसा भी मंगवाते थे।
मंदिर CEO ने DGP से शिकायत की
मंदिर CEO विश्वभूषण मिश्रा ने DGP प्रशांत कुमार और पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को लेटर लिखा है। इसमें मंदिर की फर्जी वेबसाइट को डिलीट कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर दर्शन के अलावा काशी आगमन पर होटल, नाव, पर्यटन, ट्रैवल, फ्लाइट और लोकल टैक्सी की भी बुकिंग की जा रही है। पहले ही क्लिक में नंबर लेकर एजेंट ऑफलाइन भी पूरी जानकारी दे रहे हैं।