Ganga Water Level: पहाड़ी क्षेत्र में बर्फबारी के बाद यूपी के वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। मंगलवार को भी 3 सेंटीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। गंगा में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण मंदिर और घाट भी डूब रहे है। वाराणसी के सभी 84 घाटों का सम्पर्क मार्ग लगभग टूट गया है। वहीं घाट किनारे कई मंदिर भी डूब गए है। अभी भी गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। धीरे-धीरे गंगा का जलस्तर तुलसी घाट, गंगा महाल घाट अस्सी घाट सहित अन्य प्रसिद्ध घाट के सीढ़ियों की तरफ बढ़ने लगा है।
केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार की सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 63.74 मीटर हो गया। हालांकि सोमवार की अपेक्षा जलस्तर में बढ़ोतरी आधी हो गई है। बीते सोमवार को 6 सेंटीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा था जो आज 3 सेंटीमीटर प्रति घण्टा हो गया। हालांकि आने वाले दिनों में गंगा का जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

Ganga Water Level: गंगा किनारे रहने वाले लोगों की बढ़ी धड़कनें
जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे ढाब क्षेत्र में रहने वाले लोगों की धड़कन बढ़ने लगी है। लोग अब रहने के लिए उचित स्थान भी तलाशने लगे हैं। हालांकि अभी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक नहीं पहुंचा है। खतरे के निशान पहुंचने के बाद लोगों में अलर्ट जारी कर दिया जाता है। गंगा का जल स्तर पढ़ने के साथ में पुलिस और एनडीआरएफ की टीम भी अलर्ट हो जाती है और लोगों को अलर्ट करने लगती है।
कई चौकियां गंगा में डूबी
गंगा में बढ़ोतरी के कारण घाटों पर पूजा पाठ करने वाले पुरोहितों की चौकियां भी डूब गई हैं। दशाश्वमेध घाट पर कई पुरोहितों की चौकी आधे पानी में डूबी नजर आई तो वहीं दूसरे कुछ घाटों पर पुरोहित इसे हटाते भी नजर आए। स्थानीय पुरोहित विकास ने बताया कि गंगा का जलस्तर पिछले 36 घण्टे में बहुत तेजी से बढ़ा है। जिससे घाट किनारे की पूरी व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई है।
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बड़े नाव के संचालन पर भी लग सकती है रोक
पुरोहितों के अलावा गंगा में नाव चलाने वाले नाविकों के माथे पर भी चिंता की लकीरें है। छोटे नाव का संचालन पहले ही बन्द हो चुका है और अब गंगा का जलस्तर इसी तेजी से बढ़ता रहा तो बड़े नाव के संचालन पर भी अगले 24 से 48 घण्टो के भीतर रोक लग सकती है।